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राज कपूर की 100वीं जयंती पर उनके प्रशंसकों के लिए एक बड़ी सौगात, 13 से 15 दिसंबर तक तीन दिवसीय फिल्म उत्सव का होगा आयोजन,40 शहरों और 135 सिनेमाघरों में राज कपूर की 10 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी




धनबाद। राज कपूर की 100वीं जयंती पर उनके प्रशंसकों के लिए एक बड़ी सौगात है। आरके फिल्म्स, फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन, एनएफडीसी, एनएफएआई एंड सिनेमाज साथ मिलकर एक उत्सव का आयोजन कर रहे हैं। इसका शीर्षक 'राज कपूर 100 - सेलिब्रेटिंग द सेंटेनरी ऑफ द ग्रेटेस्ट शोमैन' है। यह तीन दिवसीय उत्सव 13 दिसंबर को शुरू होगा और 15 दिसंबर तक जारी रहेगा। इसके अंतर्गत 40 शहरों और 135 सिनेमाघरों में राज कपूर की 10 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। 

टिकट की कीमत होगी 100 रुपये 

इतना ही नहीं खास बात यह भी है कि उत्सव में दिखाई जाने वाली फिल्मों के टिकटों की कीमत सिर्फ 100 रुपये होगी। जो राज कपूर की 100वीं जयंती को चिन्हित करेगी। उत्सव में आग, बरसात, आवारा, श्री 420, जागते रहो, जिस देश में गंगा बहती है, संगम, मेरा नाम जोकर, बॉबी और राम तेरी गंगा मैली जैसी फिल्में दिखाई जाएंगी। 

हिंदी सिनेमा में शोमैन का अमूल्य योगदान

भारतीय सिनेमा के पहले शोमैन कहे जाने वाले राज कपूर ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने कभी बिजेनस को ध्यान में रखकर फिल्में नहीं बनाई थीं। सिनेमा के प्रति उनकी अलग ही दीवानगी थी। जिस दीवानगी के साथ वह फिल्में बनाते थे, उसी दीवानगी के साथ दर्शक उनकी फिल्मों से जुड़ते थे। राज कपूर ने 50 साल के अपने करियर में कैमरे के आगे और पीछे से कई बेहतरीन काम किए। जिसके लिए उन्हें 3 राष्ट्रीय पुरस्कार, 11 फिल्मफेयर ट्रोफियां, पद्मभूषण और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा गया था। 

इफ्फी 2024 में अर्पित की गई श्रद्धांजलि 

इस साल की शुरुआत में, टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (टीआईएफएफ), फेस्टिवल डेस 3 कॉन्टिनेंट्स और हाल ही में संपन्न इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ गोवा में इंडिया (आईएफएफआई) ने स्क्रीनिंग और चर्चा के साथ राज कपूर को श्रद्धांजलि अर्पित की। भारतीय सिनेमा के 'शोमैन' माने जाने वाले राज कपूर के स्क्रीन किरदारों और फिल्मों को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी, खासकर तत्कालीन सोवियत संघ और मध्य पूर्व में प्रशंसकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली।

पोते रणबीर कपूर ने कही ये बात 

राज कपूर की फिल्मों और फिल्म निर्माण पर चर्चा करते हुए, रणबीर कपूर ने आईएफएफआई में स्वीकार किया कि वह अभिनेता राज कपूर की तुलना में फिल्म निर्माता राज कपूर के बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज कपूर के पूरे करियर के दौरान फिल्मों में समाजवादी सुधार के संदेश थे। आवारा ने जातिवाद को संबोधित किया और श्री 420 ने लालच को संबोधित किया। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि राज कपूर के स्क्रीन किरदारों और फिल्मों को विदेशों में भी प्रशंसकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। उनके किरदार और गाने सोवियत संघ और मध्य पूर्व में बेहद लोकप्रिय थे।


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