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श्याम प्रभु का अलौकिक श्रृंगार, छप्पन भोग, भजनों की अमृत वर्षा और नानी बाई का मायरा कथा के साथ गोल्फ ग्राउंड में गुरुवार को तीन दिवसीय श्रीश्याम गुणगान महोत्सव का समापन हुआ,आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने कहा कि आप नहीं चाहते कि बेटी अन्याय सहे तो उनको पढ़ाकर शिक्षित बनाएं








धनबाद। श्याम प्रभु का अलौकिक श्रृंगार, छप्पन भोग, भजनों की अमृत वर्षा और नानी बाई का मायरा कथा के साथ गोल्फ ग्राउंड में गुरुवार को तीन दिवसीय श्रीश्याम गुणगान महोत्सव का समापन हुआ। अंतिम दिवस प्रसिद्ध आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने भक्त नरसी जी द्वारा नानी बाई के 56 करोड़ मायरा भरने की कथा सुना हजारों श्रोताओं को विभोर कर डाला। कथा द्वारा भक्त का भगवान से रिश्ता, बाप-बेटी का संबंध, बेटी के लिए मां-बाप का महत्व दर्शाया। बेटियों को शिक्षित करने पर जोर दिया। मां-बात से बोली कि बेटियों को शिक्षित करें। अन्याय नहीं सहेंगी। बचपन में पिता और शादी होने पर पति पर निर्भर रहती हैं। आप नहीं चाहते कि बेटी अन्याय नहीं सहे तो उनको पढ़ाकर शिक्षित बनाएं। शादी में दहेज नहीं देने की बात बोली। ऐसी सोच वालों पर तंज कसा जो बोलते हैं कि ऐसी लड़की से शादी नहीं करना जिनका ब्याह के बाद मां-बाप से ज्यादा लगाब रहता हो। क्यों नहीं सोचते कि उस बेटी को मां-बाप ने पाला है। ऐसी बात कभी मत बोलना। जिस लड़की का मां-बाप से मोह होगा वो ससुराल में भी अपने परिवार से प्यार करेगी। गलत सीख इंटरनेट पर आ रही है। कैसे कोई बोल सकता है मां- बाप को भूल जाने के लिए। मां-बाप बेटी को की नहीं भूल सकते। जबकि बाप-बेटी के रिश्ते को अलौकिक बताया। नानी बाई का ससुराल में पिता नरसी जी से दर्शन को दशांत हुए बोलीं कि जब बाप-बेटी का मिलन हुआ तो नानी बाई कैसे बतलाती ससुराल में कैसे ख्याल रखा जा रहा है। वास्तव में बेटी यह कभी नहीं चाहती कि कोई भी बात पिता को पता चले। चाहे वो कितनी भी तकलीफ में क्यों नहीं रहे।आज एक काम नहीं बने तो लोग भगवान को भी बदल देते हैं जया किशारी बोली कि आज आदमी स्वाथों हो गया है। एक काम नहीं बने तो भगवान को भी बदल ले। आजकल भक्ति नहीं होती तो भगवान कैसे मिलेंगे। भगवान को तो महसूस कर सकते हैं। जब भरोसा हो जाएगा तो भक्ति आपको भगवान तक ले जा सकता है। भक्ति सिखनी है तो सबरी से सीखें। उसने बचपन से भक्ति की और बुढ़ापे में भगवान के दर्शन हुए। भरोसा रखने में जरूरी भगवान आएंगे।

श्याम भक्त मंडल के वरिष्ठ सदस्य प्रदीप देवरालिया ने कहा कि नानी बाई का मायरा एक ऐसी कथा है जहां निश्छल व अटूट भक्ति के वशीभूत हो स्वयं नारायण अपने भक्त नरसी मेहता की बेटी नानी बाई का मायरा (भात) भरते हैं। नरसी जो की भक्ति के चलते ही भगवान ने नानी बाई का 56 करोड़ का मायरा भरा था। स्वयं राधा, रुकमणि और भगवान उनके मायरे में आए थे।

भजनों की अमृत वर्षा पर झूमे श्रद्धालु 

श्याम प्रभु के दरबार में ज्योति रूप में पूजा की गई। कोलकाता के भजन गायक रवि बेरीवाल भावपूर्ण भजनों से भक्तों संग श्रीश्याम बाबा को रिझाया। तू कृपा कर बाबा तेरे संग आउंगा... झोपड़ी के भाग खुल जाएंगे राम आएंगे.... हर जन्म सांवरा का साथ चाहिए जैसे भजनों ने समा बांध दिया। दोपहर 3 बजे तक भजनों की अमृत वर्षा पर भक्त झूम उठे। हजारों भक्तों ने भंडारा का प्रसाद भी ग्रहण किया।

अरुप चटर्जी एवं अन्य  ने किए दर्शन

अंतिम दिन निरसा विधायक अरुप चटजीं, वाघमारा विधायक शत्रुघ्न महतो, डुमरी विधायक जयराम महत्ती श्याम गुणगान महोत्सव में पहुंचे। दरबार में सजे श्याम प्रभु के दर्शन कर आशीष मांगा। जया किशोरी को पुष्प गुच्छ भेंट किया। श्याम भक्त मंडल ने तीनों को सम्मानित किया। सांसद दुलू, महतो की पत्नी सावित्री देवी समेत कई प्रतिष्ठित लोगों ने पहुंचकर कथा का आनंद उठाया।

लोगों ने तो भगवान राम को भी नहीं छोड़ा

जया किशोरी ने दूसरों की कमियां नहीं निकालने की सीख दी। बोली कि खाना नहीं बनाना आता है तो लड़कियों को ससुराल में सुनना पड़ता है। अगर खाना बनाना आता है तो खाना भी बनाना पड़ेगा और सुनना भी पड़ेगा। दुनिया में यही चल रहा है। अच्छा करोगे या नहीं करोगा। सुनना तो पड़ेगा। लोगों ने तो भगवान राम को भी नहीं छोड़ा। भगवान तो चले गए अब तो कमियां निकालना आसान हो गया है।

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