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धनबाद के एसजेएएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने 4 साल की बच्ची की बचाई जान

 


Dhanbad। धनबाद के एसजेएएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में हाल ही में एक अत्यंत जोखिम भरी सर्जरी के द्वारा 4 साल की बच्ची की जान बचाई गई। यह बच्ची दिवाली के समय एक भयंकर हादसे की शिकार हुई थी, जिसमें उसके ऊपर एक भारी शीशे का दरवाज़ा गिर गया। इस दुर्घटना ने उसके पेट में गंभीर चोटें पहुँचाई, जिससे उसकी जान को खतरा पैदा हो गया था। इस दुर्घटना के बाद बच्ची गहरे शॉक में चली गई थी। डॉक्टरों की प्रारंभिक जांच में पता चला कि उसके पेट में एक बड़ा छेद हो गया था, जिससे मल और गैस निकल रही थी। इसके साथ ही, गंभीर रक्तपात की समस्या भी उत्पन्न हो गई थी। ऐसे में बच्ची के परिवार ने कई अस्पतालों का दौरा किया, लेकिन धनबाद में कोई भी अस्पताल इतनी गंभीर पीडियाट्रिक ट्रामा और सर्जरी का विशेषज्ञ नहीं था। 

अंततः, निराश परिवार ने एसजेएएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के आपातकालीन विभाग का रुख किया, जहाँ उनकी मुलाक़ात अस्पताल के सर्जन डॉ. अर्घ्य बासु से हुई। आपातकालीन विभाग के डॉक्टर ने बच्ची की स्थिति को गंभीरता से लिया और सभी आवश्यक जांचें कीं। जांच के बाद उन्होंने डॉ. अर्घ्य बासु को बताया कि बच्ची की आँत कई जगहों से फटी हुई है, जिससे मल और गैस बाहर निकल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आँत का एक लंबा हिस्सा सड़ चुका है, जो स्थिति को और भी गंभीर बनाता है।

अस्पताल के सीईओ डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बच्ची की जान बचाने के लिए उसे एक्स्प्लोरेटरी लापरोटोमी नामक ऑपरेशन की आवश्यकता होगी। इस प्रक्रिया में पेट खोला जाएगा और सारे मल, गैस, ख़राब खून, मवाद और गंदगी को साफ़ किया जाएगा। इसके साथ ही, एक कोलोस्टमी करने की भी आवश्यकता हो सकती है। हालांकि डॉक्टर, ने परिवार को यह भी बताया कि बच्ची की नाज़ुक उम्र के कारण यह एक बहुत ही जोखिम भरी सर्जरी होगी, जिसमें जान का खतरा भी हो सकता है।बच्ची के परिवार ने तुरंत ही इस जोखिम भरे ऑपरेशन के लिए सहमति दी। उनके लिए यह निर्णय लेना कठिन था, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। सर्जरी के दौरान, डॉक्टर ने बच्ची की सड़ी हुई आँत के हिस्से को काटकर निकाला और एनास्टमोसिस के माध्यम से स्वस्थ भागों को जोड़ा। यह प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन डॉ. बासु और उनकी टीम ने इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया। ऑपरेशन के वक़्त अस्पताल के सीईओ डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह भी उपस्थित थेऑपरेशन के 48 घंटे बाद बच्ची की शारीरिक स्थिति में सुधार दिखाई देने लगा। चिकित्सकों ने उसकी नियमित निगरानी की और आवश्यक देखभाल की। बच्ची को धीरे-धीरे सामान्य खानपान शुरू करने की अनुमति दी गई। सर्जरी के एक हफ्ते बाद, बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह खबर उसके परिवार के लिए राहत की थी, जिन्होंने अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना किया था।

बच्ची के परिवार ने एसजेएएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टरों की पूरी टीम और विशेष रूप से अस्पताल के सीईओ डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की मेहनत और समर्पण के बिना उनकी बच्ची बच नहीं पाती। अस्पताल के कर्मचारियों ने भी बच्ची की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिससे परिवार को बहुत सहारा मिला।

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