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इस्कॉन के चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी के विरोध में हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति ने दिया एक दिवसीय धरना, चिन्मय कृष्णदास की रिहाई और बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए भारत सरकार करे हस्तक्षेप- राज सिन्हा


धनबाद: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्ष के लिए कानूनी रूप से आंदोलन करने वाले इस्कॉन के स्वामी चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी को देशद्रोह के आरोप में  गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी अल्पसंख्यक हिन्दुओं के अधिकारों को दबाने का एक और प्रयास है, जिसकी हम तीव्र शब्दों में निंदा करते हैं। हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति ने मांग की है कि भारत सरकार तुरंत हस्तक्षेप कर स्वामी चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी की बिना शर्त रिहाई सुनिश्चित करे और बांग्लादेश सरकार को अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए बाध्य करे। इस मांग को रणधीर वर्मा चौक, धनबाद पर हुए आंदोलन में उठाया गया। धनबाद के विधायक  राज सिन्हा, तरुण हिन्दू के संस्थापक डॉ. नील माधव दास, इस्कॉन धनबाद से दामोदर प्रभु, विश्व हिन्दू परिषद से  सुनील कुमार, हिन्दू जनजागृति समिति से  शम्भू गवारे और हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति धनबाद के संयोजक डॉ. निशांत दास इसके साथ ही 150 से भी अधिक धर्मनिष्ठों एवं हिंदुत्वनिष्ठों ने इस आन्दोलन में सहभाग लिया।

बांग्लादेश में हिंदू समाज पिछले कई दशकों से धार्मिक अत्याचार, मंदिरों पर हमले, महिलाओं पर अत्याचार और संपत्तियों की लूट का सामना कर रहा है। स्वामी चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी ने ऐसे अन्याय का विरोध करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों की मांग की। उनकी गिरफ्तारी ने बांग्लादेश के हिंदुओं के धार्मिक स्वतंत्रता को गंभीर खतरे में डाल दिया है।  

जैसे भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के माध्यम से बांग्लादेश के पीड़ित अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारत की नागरिकता प्रदान करने का एक सराहनीय कदम उठाया है, वैसे ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार भारत के लिए केवल एक पड़ोसी देश का मुद्दा नहीं, बल्कि हिंदुओं के अस्तित्व, मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता का संवेदनशील विषय है। यदि इन अत्याचारों को नहीं रोका गया, तो इसका असर भारत पर भी पड़ेगा। इसलिए हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति ने भारत सरकार से कड़े कदम उठाने और निर्णायक भूमिका निभाने की अपेक्षा व्यक्त की है।  

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