Dhanbad. झारखण्ड बांग्लाभाषी उन्नयन समिति के बैनर तले राज्य स्तरीय बांग्ला भाषा सम्मेलन का आयोजन 13 जुलाई को धनबाद में स्थित होटल हिल व्यू में किया जा रहा है। जिसमें राज्य भर केसभी जिलों के बांग्लाभाषी संगठनों की उपस्थिति होगी । इस आशय कीजानकारी धनबाद के एक होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में देते हुए झारखण्ड के सभी जिलों के सौ से अधिक संगठनों के केंद्रीय संस्था *झारखण्ड बांग्लाभाषी उन्नयन समिति* के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रीना मंडल द्वारा बतलाया गया कि राज्य गठन के बाद से पिछले पच्चीस वर्षों से प्रदेश की सभी सरकारों द्वारा लगातार बांग्ला भाषा एवं बांग्ला भाषियों के अस्तित्व को मिटाए जाने के कूट षडयंत्र से प्रदेश के एक करोड़ तीस लाख बांग्लाभाषियों में भयंकर क्षोभ है और वे अब इसे और बर्दाश्त करने के लिए तैयार नही हैं । श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार से प्रदेश के बांग्लाभाषी समाज को काफी उम्मीदें थी,की उनके समस्याओं का समाधान शीघ्र हो जाएगा. परन्तु वर्तमान सरकार द्वारा भी जिस प्रकार की नीति अपनाई जा रही है उससे प्रदेश का बांग्लाभाषी समाज आहत है। श्रीमती रीना मंडल द्वारा आगे बतलाया गया कि झारखण्ड कीमूल सम्पर्क भाषा बांग्ला है और झारखंड के 80% गांव की भाषा बांग्ला है। इसे किसी भी तरह झूठ लाया नहीं जा सकता है क्षेत्रीय भाषा की परिभाषा क्या है? जो क्षेत्र में बोली जाती है यानी गांव की भाषा उसे क्षेत्रीय भाषा कहा जाता है तो बंगला को क्यों दरकिनार किया जा रहा है। यह प्रतिष्ठित सत्य है। परन्तु राज्य विभाजन के बाद से जिस प्रकार सेसभी सरकारों द्वारा बांग्ला को हाशिए पर डालने का कार्य किया जा रहा है उसे बांग्लाभाषी समाज स्वीकार नहीं करेगा । इस सम्मेलन में पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, दुमका, जामताड़ा, साहेबगंज, पाकुड़ , बोकारो,धनबाद,देवघर,गोड्डा,खूंटी, पश्चिम सिंहभूम, हजारीबाग, रामगढ़, गिरिडीह, कोडरमा जिलों के सौ से अधिक बांग्लाभाषी संगठन उपस्थित
होकर वर्तमान परिस्थिति पर विचार करते हुए आगे की रणनीति बनाई जाएगी। प्रदेश के बांग्लाभाषी समाज से श्रीमती रीना मंडल ने अनुरोध किया है कि अपनी मातृभाषा एवंसंस्कृति के रक्षार्थ सभी बांग्ला भाषी
इस संकट की घड़ी ने एकजुट होकर एक स्वर में आवाज उठाएं। मौके पर पार्थ सेनगुप्ता, आशीष मंडल, सुसोवन चक्रवर्ती, राणा चटर्जी, रघुनाथ राय, मनोज मंडल, समीर मंडल, अजय मंडल मौजूद रहे।
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