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ठंड में शहर में अभूतपूर्व बिजली कटौती, बिजली विभाग ने बताया कि डीवीसी के दोहरे रवैये से 17 जनवरी से शहर को 120 घंटे में मात्र 10 घंटे बिजली मिली, येन केन प्रकारेण शहर में बिजली आपूर्ति हो रही है


धनबाद(DHANBAD):इस ठंड के मौसम में बिजली कटौती से लोग परेशान है। जिस रफ़्तार से ठंड बढ़ी है ,उसी स्पीड से बिजली कटौती में भी बृद्धि हुई है। ऐसा माना जाता है कि जाड़े के दिनों में बिजली संकट कम जाती है। लेकिन धनबाद कोयलांचल में इस कड़कड़ाती  ठंड में हो रहा है इसका उल्टा। सुबह उठते ही बिजली गायब। फिर घंटे भर बाद आती है, फिर बिजली गायब हो जाती है। रात को भी कई घंटे बिजली नदारद रह रही है पिछले पांच दिनों से कहा जा सकता है कि 24 घंटे में सिर्फ 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल रही है। धनबाद डिवीजन के कार्यपालक अभियंता शिवेंद्र कुमार ने बताया कि डीवीसी शहर में अभूतपूर्व लोड शेडिंग कर रहा है। 17 जनवरी से जेबीवीएनएल को 120 घंटे में मात्र 10 घंटा बिजली मिली है किसी तरह शहर में बिजली आपूर्ति किया जा रहा है। डीवीसी केवल अपने उपभोक्ताओं को बिजली दे रहा है डीवीसी के दोहरेपन से बिजली विभाग भी परेशान है

जनप्रतिनिधि बिजली समस्या पर चुप्पी साधे

एक तरफ गंभीर बिजली संकट से पूरा शहर त्राहिमाम कर रहा है वहीं इस समस्या से शहर के जनप्रतिनिधि के साथ साथ सत्ता पक्ष में बैठे कांग्रेस और झामुमो के नेता पूरी तरह से अनभिज्ञ है। अभी तक इस गंभीर संकट पर विधायक और संसद की ओर से कोई गंभीर पहल नहीं की गई है। ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनाव में में बिजली संकट चुनावी मुद्दा बन सकता है।

जलापूर्ति भी हो रही बाधित धनबाद डिवीजन की

बिजली संकट के कारण जलापूर्ति भी बाधित होती है।  जिनके घरों में मोटर से पानी चढ़ाया  जाता है, उनको तो और अधिक परेशानी हो रही है। बिजली विभाग बिल जमा नहीं करने पर लाइन काट देता है। लोगों का सवाल है कि आखिर बिल जमा करने के बाद भी पूरी बिजली क्यों नहीं मिल रही है। लोगों के इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। बिजली कटौती का असर धनबाद के पर्यावरण पर भी पड़ता है। कारोबार करने वाले लोगों को जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ता है. नतीजा है कि जनरेटर चलने से प्रदूषण भी बढ़ता है और पेट्रोल- डीजल की खपत भी अधिक होती है।  कम से कम जाड़े में इस तरह बिजली कटने की लोगों को उम्मीद नहीं थी, लेकिन बिजली कट रही है।  लोग परेशानी झेल रहे है।  बिजली विभाग की ओर से ऐसा कुछ भी नहीं बताया जाता है, कि  वजह क्या है और स्थिति कब सामान्य होगी।



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