पटना: ईडी, प्रवर्तन निदेशालय ने बालू के अवैध खनन कारोबार में एक और गिरफ्तारी की है. इस बार अजय सिंह को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अजय सिंह धनबाद के बहुचर्चित कोयला कारोबारी दिवंगत सुरेश सिंह के पुत्र हैं. स्व. सुरेश सिंह हिन्दी पट्टी में कोल किंग के नाम से जाने जाते थे, जिनकी सरेआम हत्या सात दिसंबर 2011 को धनबाद क्लब में कर दी गयी थी. इस मामले में मुख्य आरोपी रामधीर सिंह के पुत्र शशि सिंह हैं, जो घटना के बाद से ही फरार चल रहे हैं. सुरेश सिंह सन् 2005 व 2009 में झरिया से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके थे. वे धनबाद जिला कांग्रेस कमिटी के कोषाध्यक्ष भी रह चुके थे.
क्यों और कैसे हुई अजय सिंह कि गिरफ्तारी
पटना स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में पूछताछ के लिए अजय सिंह को 2-3 दिन से बुलाया जा रहा था। बालू के अवैध सिंडिकेट में संलिप्तता और राजस्व चोरी से संबंधित सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अजय सिंह कोलकाता की एसजी इंफ्रा नामक कंपनी का निदेशक हैं। उनकी कंपनी बालू घाटों का ठेका लेती थी। अजय सिंह की कंपनी एसजी इंफ्रा राज्य में बालू सिंडिकेट में शामिल प्रमुख कंपनी आदित्य मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है। आरोप है कि अजय सिंह आदित्य मल्टीकॉम कंपनी के साथ मिलकर बालू के अवैध खनन के काले कारोबार में संलिप्त थे. आदित्य मल्टीकॉम कंपनी मुख्य रूप से औरंगाबाद, रोहतास समेत आसपास के जिलों में बालू का सिंडिकेट चलाती थी। इसके खिलाफ बिहार के खान एवं भूतत्व विभाग ने 25 एफआईआर दर्ज करा रखी है। ये सभी एफआईआर औरंगाबाद और रोहतास के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। इसमें 2015 से 2021-22 के दौरान 250 करोड़ रुपये की राजस्व चोरी का आरोप पूरे सिंडिकेट पर लगाया गया है।
ईडी की जांच में आदित्य मल्टीकॉम कंपनी की 12 करोड़ की संपत्ति जब्त हो चुकी है। करीब दो वर्ष पहले कंपनी के ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान निदेशकों के बैंक खातों समेत अन्य माध्यमों से करीब 9 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे। इस तरह इसकी करीब 21 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। सिंडिकेट के अन्य आरोपियों राधाचरण सेठ, अशोक कुमार, सतीश सिंह, जग नारायण सिंह और पुंज सिंह के अलावा अजय सिंह पर भी प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग एक्ट में मामला दर्ज कर रखा है। दरअसल, बिहार में बालू का अवैध धंधा कोई नया नहीं है। यहां की दो बड़ी कंपनियां मिलकर बालू का सबसे ज्यादा व्यापार करती हैं। जिनमें ब्राडसन सन्स और आदित्य मल्टीकाम प्रमुख हैं। इन दो कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने बिहार में बालू के अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया जिसके लिए बाकायदा बालू का सिंडिकेट बना लिया था। इस सिंडिकेट की वजह से सरकार के राजस्व की बड़ी चोरी की जा रही थी। बालू के इस अवैध धंधे के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय लंबे समय से अपनी कार्रवाई को अंजाम देने में जुटा है। अभी 19 सितंबर को ईडी ने सिंडिकेट के एक सदस्य पुंज सिंह को गिरफ्तार किया था।इस मामले को ज्यादा दिन नहीं बीते कि शनिवार को निदेशालय ने पटना से ही सिंडिकेट से जुड़े अजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया। बालू सिंडिकेट में अबतक यह दसवीं गिरफ्तारी है।
विशेष अदालत में पेश किया गया अजय सिंह
अजय सिंह को गिरफ्तार करने के बाद ईडी की टीम ने उसे पटना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह ईडी के विशेष न्यायाधीश रूपेश देव की अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपित को सात अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में आदर्श केंद्रीय कारा बेउर भेज दिया है।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत विशेष वाद संख्या 9/2023 दर्ज किया है।
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