Dhanbad। वनबन्धु परिषद एकल महिला समिति, धनबाद चैप्टर के द्वारा धनबाद के दी फोरेस्ट रिर्जेंट, गोविन्दपुर रोड़, धनबाद में 27 सितंबर को " एकल डॉडिंया नृत्य कार्यक्रम" आयोजित किया गया हैं। इस कार्यक्रम से जो भी धन राशि सहयोग से प्राप्त होता है वह राशि व्रनवासी बच्चों के शिक्षा में खर्च किया जाएगा।
एकल के सेवा कार्य
एकल विद्यालय (एक शिक्षक वाले विद्यालय है) जो विगत कई वर्षों से भारत के उपेक्षित और आदिवासी बाहुल सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में वनबन्धु परिषद द्वारा संचालित किए जा रहे है। आज भारत के वनवासी एवं पिछडे क्षेत्रों में 33 चैप्टर के माध्यम से लगभग 1,02,702 एकल विद्यालय चल रहें है। इसके अलावा पूरे भारत वर्ष में 80,364 संस्कार केन्द्र, 47 एकल व्हील, 80 एकल रथ, 2 आरोग्य व्हील, सिलाई केन्द्र. 14 ग्रमोत्थान केन्द्र, आदि विभिन्न आयामों के माध्यम से चल रहें है। ग्रामीण भारत के उत्थान में शिक्षा के महत्व को समझाने वालें हजारों संगठन इसमे सहयोग दे रहे हैं। भारत के वर्तमान में गाँवों के लाखों वनवासी बच्चों को एकल विद्यालय द्वारा संस्कार, स्वावलंबी, आत्म निर्भरपूर्ण एवं आरोग्यपूर्ण शिक्षा उपलब्ध करा रही है आज एकल विद्यालय के माध्यम से 30 लाख बच्चों को 1. प्राथमिक शिक्षा, 2. आरोग्य शिक्षा, 3. जागरण शिक्षा, 4. ग्राम विकास शिक्षा 5. संस्कार शिक्षा आदि शिक्षा दी जाती है। आज पूरे भारत वर्ष में लगभग 40 लाख परिवार एकल अभियान से जुड़े हुए है।
धनबाद अंचल में 480 एकल विद्यालय चल रहे है। वनबंधु परिषद धनबाद चैप्टर एकल महिला समिति के द्वारा 3 शिलाई केन्द्र चलायें जा रहे हैं। जिससे महिलाओं को विकास और स्वावलंबी बन सके।
जिसमे उपस्थित समिति के सदस्यगण :-
अनुराधा अग्रवाल(अध्यक्ष),आरती मित्तल, सोनल, राधा अग्रवाल, चांदनी मित्तल, सीमा मंजरी, दीपा तुलस्यान, मनीषा, सुमन, अनीता, सुमन मिशेल, पायल अग्रवाल, श्वेता, डोली गुप्ता, कविता तुलस्यान,मधु कटेसरिया,सोनी गुप्ता,सुमन मित्तल


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