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जीटा और सीआईआई की संयुक्त बैठक धनबाद क्लब में सम्पन्न हुई, अध्यक्ष अमितेश सहाय ने कहा कोयला आधारित उधोगों को लिंकेज के आधार पर कोयला बंद होने से उद्योग धंधे बंदी के कगार पर, जीटा को सीआईआई की सदस्यता मिली


Dhanbad: झारखण्ड इण्डस्ट्रीज एण्ड ट्रेड एसोसिएशन एवं  कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री  (CII)  की संयुक्त बैठक धनबाद क्लब में सम्पन्न हुई। सर्वप्रथम जीटा के अध्यक्ष  अमितेश सहाय एवं महासचिव राजीव शर्मा  ने सीआईआई के अध्यक्ष  उज्जल चक्रवर्ती को बुके प्रदान कर सम्मानित किया।  बैठक की अध्यक्षता करते हुए  अमितेष सहाय ने कहा कि कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के समय इस क्षेत्र में कोयला आधारित उधोगों को लिंकेज के आधार पर कोयला देने की बात हुई थी लेकिन 2018 - 2019 में इस व्यवस्था को बंद कर दिया, जिससे इस क्षेत्र के उद्योगों पर प्रतिकूल असर पड़ा है कुछ उद्योग बंद हो गए हैं और बचे हुए बंदी के कगार पर है।  उन्होंने सीआईआई से इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और कोयला मंत्रालय से बात कर सहयोग करने का आग्रह किया। कोयला उद्योग से एक लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है, कोयले की आपूर्ति नहीं होने से बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो रही है, साथ ही साथ केंद्र और राज्य सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। एमएसएमई उद्योग को देश का रीढ़ माना जाता है और इस क्षेत्र के माध्यम से 40% निर्यात और सबसे बड़ा रोजगार उपलब्ध कराने वाला सेक्टर है। श्री सहाय ने JITA के नवनिर्मित कार्यालय में सीआईआई को भी अपना कार्यालय खोलने की बात कही, जिससे राज्य और केंद्र से उद्योगों की समस्याओं को JITA के साथ हाल किया जा सके।सीआईआई के अध्यक्ष श्री उज्जल चक्रवर्ती ने JITA को सीआईआई की सदस्यता की घोषणा की और उपस्थित व्यवसायियों से उनकी समस्याओं पर कदम से कदम मिलाकर , समस्याओ के समाधान के लिए पूरा प्रयास करने का वादा किया। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र के उद्योगों को निर्यात अथवा अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए सीआईआई के कार्यों के बारे में बताया। 

चंडीगढ़ के तर्ज पर अग्नि प्रवाहित क्षेत्र के लोगों को बसाया जाए -राजीव शर्मा 

जीटा के महासचिव राजीव शर्मा ने धनबाद में उद्योग और व्यवसाय की संभावनाओं के संदर्भ में अपने विचार रखते हुए कहा कीझरिया कोल्डफील्ड क्षेत्र के अग्नि प्रभावित और कोल बेयरिंग क्षेत्र में 10 लाख की आबादी  निवास करती है। इस क्षेत्र में हमेशा जान माल का खतरा बना रहता है कई लोगों की जान जमीनदोज होने से हो चुकी है। विगत 15 वर्षों से विस्थापन का प्रयास नाकाफी साबित हुआ है। इस क्षेत्र के विकास के लिए एक बेहतर नीति जिसमें चंडीगढ़ जैसे शहर की स्थापना का प्रयास केन्द्र व राज्य सरकार सिंदरी अथवा तोपचांची अथवा बलियापुर के पास कर सकती है, इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, इकोनॉमी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और बड़ी संख्या में राज्य में निवेश होगा। धनबाद में आईआईटी (आईएसएम), बीसीसीएल, बीआईटी सिंदरी, हर्ल सिन्दरी, एमपीएल, मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी जैसे बड़े-बड़े संस्थान होने के साथ-साथ तोपचांची के पास जैन धर्मावलंबियों के सबसे बड़े तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर ,  पारसनाथ होने के बावजूद एयरपोर्ट की कमी खलती है, भारत सरकार के Religious Circuit के कनेक्टिविटी कार्यक्रम के तहत इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास के साथ साथ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार में वृद्धि होगी, यहां के युवाओं को बेहतर अवसर मिलेंगे। धनबाद के सिन्दरी में देश की सबसे पहली औद्योगिक नगरी की स्थापना हुई थी। आज भी उस क्षेत्र के हजारों एकड़ जमीन खाली पड़ी है। उस क्षेत्र में स्पेशल इकोनॉमिक जोन की  स्थापना कर छोटे बड़े उद्योग लगाकर मेक इन इंडिया को और बल दिया जा सकता है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा ease of doing business के अंतर्गत सुधार में प्रयास शुरू किये गये थे उसमें ठहराव की स्थिति में हो गई है। एमएसएमई के अंतर्गत नये उद्योग व व्यापार की स्थापना के लिए कम से कम लाइसेंसिंग की  व्यवस्था किए जाने की जरूरत है। जिससे नई औद्योगिक इकाइयां जल्द लग सकेंगी और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाया जा सकेगा। 

सीआईआई क्या है

प्रभात कुमार ने सीआईआई के बारे में लोगों से बताया कि 1895 में स्थापित यह देश के 65 स्थानों पर एवं विश्व के 133 देशों में संचालित है और नीति निर्धारण से लेकर केंद्रीय और राज्य बजट पर अपने सुझाव देती रहती है। उपाध्यक्ष  सजोत सिंह ने संस्था की तरफ से कोयलांचल समस्याओं पर पूर्ण सहयोग का वादा कर  भविष्य में जीटा के साथ संयुक्त रूप से कार्यालय खोलने की बात कही। जिससे यहाँ से केन्द्र एवं राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर समस्याओं का समाधान करने का वादा किया है।केदारनाथ मित्तल ने भी इस क्षेत्र के समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए कोयला उद्योग समस्याओं को विस्तार से रखा एवं समस्याओं का समाधान का आग्रह किया।

ये रहे मौजूद

बैठक में मुख्य रूप से  (CII) के झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष  उज्जल चक्रवर्ती, सह प्रबंध निदेशक JCABCPL (TATA Group) उपाध्यक्ष रंजोत सिंह, प्रभास कुमार, सिमरन कुमारी, पिनाकी साहा हेड, कोल कॉर्डिनेशन, झरिया डिवीजन, टाटा स्टील,  कुणाल कुमार एवं CII के अन्य पदाधिकारी उपस्थित हुए। 




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