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धर्म दिखाया नहीं जाता धर्म जिया जाता है ... जो धर्म को जान गया उसका कल्याण होना निश्चित होता है: सुरेन्द्र हरिदास जी महाराज




धनबाद। पूज्य श्री सुरेन्द्र हरिदास जी महाराज के पावन सानिध्य में स्थान - बैकमोड टेलीफोन एक्सचेंज रोड योगा ग्राऊण्ड , धनबाद में  16 से 24 जनवरी 2024  तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठम दिवस की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज जी ने भक्तों को "जय जय श्यामा जय जय श्याम जय जय श्री वृंदावन धाम" भजन का श्रवण कराया। 

आज कथा के प्रसंग में हरिदास जी महाराज पूतना वध, शकटा सुर  वध, कालिया दमन माटी लीला, गोपियों के चिर वस्त्र हरण लीला, गोवर्धन,लीला छप्पन भोग का प्रसंग सुनाया गया।मनुष्य की मृत्यु के साथ केवल भगवान के भजन ही जाते हैं और कुछ साथ नहीं जाता है इसलिए मनुष्य को अपना मन भगवान के भजन में लगाना चाहिए। धर्म दिखाया नहीं जाता धर्म जिया जाता है जो धर्म को जान गया उसका कल्याण होना निश्चित होता है। मनुष्य को वही मिलता है जो मनुष्य भगवान को देतें हैं। अगर कोई मनुष्य आपको गाली देता है तो उसकी बात पर पलट कर जवाब देना जरूरी नहीं है बल्कि उसकी कही गई बात के क्रोध को पीना एक तपस्या की तरह होता है। शास्त्रों में लिखा है जब कोई व्यक्ति आप को गाली देता है और आप गाली सुनने के बाद आये क्रोध को रोक लेते हैं तो गाली देने वाला आपके क्रोध की शांति को देख कर खुद ही जल जाता है। 

अगर कोई व्यक्ति आपको बिना दोष के गाली या बुरा-भला कहता है तो उस मनुष्य के सारे पुण्य वहीं नष्ट हो जाते हैं। मनुष्य जब तक शुद्ध नहीं होता जब तक वह स्नान न कर ले स्नान से पहले मनुष्य चांडाल के सामान होता है। जो व्यक्ति दूसरों का रास्ता रोखते हैं वह नर्क के भोगी बनते हैं और जो मनुष्य इन लोगों को दान देते हैं तो वह दान निष्फल होता है। दूर्ध, बंदी, मुर्ख अयोग्य, वैद्य ,जुआरी,  जो दूसरों की चमचा गिरी में अपना जीवन निकलता हो और चोर को भी दान नहीं देना चाहिए इसलिए मनुष्य को हमेशा सोच समझ कर दान देना चाहिए ताकि आपका दिया हुआ दान  कभी भी निष्फल ना हो सके। जिस ने भी कथा को अपने जीवन में उतारा है उन सब का कल्याण हुआ है। दुर्भाग्य तो बस इस बात का है कि आज का मनुष्य कथा को टाइम पास कहता है। सब को अपने मन कर्म और वचन से कथा का आनंद लेना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण का जन्म कारागार में हुआ और उनसे उनके माता-पिता भी छूट गए थे लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने कभी भी अपने जीवन में हार नहीं मानी और उन्होंने हर समस्या का समाधान किया है। 

मनुष्य को अपने आप को हमेशा सत्य के मार्ग पर लेकर चलना चाहिए जिससे आपका सदा कल्याण होता रहे।इस कथा को सफल बनाने में प्रमुख रूप से सफल बनाने मे श्री ददन सिंह, संजय सिंह, प्रभात सुरोलिया, सतीश कुमार सिंह, सी पी सिंह, हीरा सिंह, भावेश मिश्रा, वीरेंदर सिंह, महेश सुलतानिया, मोहन अग्रवाल,पवन अग्रवाल,आयुष डोकानियां,श्रीमती कृष्णा सुलतानिया, दिलीप साव, दीपक तिवारी, श्रवण कुमार, प्रदीप पांडे, धर्मेंदर पांडे, अशोक सिंह ,रणजीत पांडे अप्पू सिंह, राजेश झा, मुन्ना वर्णवाल, सुनील राय,आदि सभी समाज के लोगो के सहयोग से किया जा रहा है।



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