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जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आयोजित बंग उत्सव में जुटे कोल्हान के बंग भाषी, जो बांग्ला हित में बात करेगा वही झारखंड में राज करेगा- रीना मंडल





धनबाद। झारखंड बांग्ला भाषी उन्नयन समिति झारखंड प्रदेश की ओर से जमशेदपुर कोल्हान गोपाल मैदान में एक विशाल बंग उत्सव अचिंतम गुप्ता की अध्यक्षता में हुआ। इस कार्यक्रम में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष  रीना  मंडल, संस्थापक वेंगु ठाकुर, धन्यवाद जिला भवानी महिला मोर्चा की बनर्जी प्रिया बैनर्जी, आशीष मंडल उपस्थित हुए। बंग उत्सव का मूल आधार झारखंड में बांग्ला भाषियों की शक्ति प्रदर्शन और बांग्ला भाषा बचाव हेतु संस्कृति प्रदर्शन करना था। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष  रीना मंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी खुले मंच में चुनौती देते हुए कहा कि अगर सरकार बंगला भाषा का अवहेलना करती है तो आने वाले 2024 में सरकार को बंगला भाषी इसका मूंह तोड़ जवाब देगी। कार्यक्रम में झारखंड के सभी जिलों से बंगला भाषी संगठन शामिल हुए और अपना एकता का परिचय दिया।

स्टॉल पर बांग्ला पुस्तक खरीदने के लिए जुटी भीड़

शहर के साहित्यकारों द्वारा बंग उत्सव में बाग्ला पुस्तकों का स्टॉल लगाया गया था, जहां पुस्तक प्रेमियों की भीड़ दिखी। लोगों को कई साहित्यकारों की पुस्तकें पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ। शहर के जानेमाने साहित्यकार डॉ वैद्यनाथ त्रिपाठी, कवि डॉ अलोक देवदास के साथ-साथ निखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन के सदस्य व अन्य लोगों की उपस्थिति रही।

बांग्ला को उचित सम्मान मिले : बन्ना गुप्ता

झारखंड राज्य में सबसे अधिक बोली जानेवाली भाषा बांग्ला है। लेकिन दुर्भाग्य से बांग्ला भाषा को उचित स्थान नहीं मिल पाया है। स्कूलों का बंद होना, पठन-पाठन की व्यवस्था का नहीं होना, बांग्ला भाषा पर किया गया प्रहार है  बंग उत्सव के मंच पर बंगभाषियों की एकजुटता इस बात का संदेश है कि बांग्ला को उचित सम्मान मिलना चाहिए। बंग उत्सव और बांग्ला भाषा. कला साहित्य एवं समाज में एकजुटता बनाये रखने लिए जिन्होंने अपना हर संभव योगदान दिया है। इन्हें सम्मानित किया गया, इनमें धनबाद के बेंगू ठाकुर, धनबाद के रीना मंडल, बोकारो के शंकर मुख्योपाध्याय व रांची के उदयन बसु शामिल है। 

बंग उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करती बच्चियां

बांग्ला लोकगीतों पर झूमते रहे बंगभाषी एतुमी केमोन तुमी, मोमो चित्तं नृत्य नृत्य, जोदी तो डाक सुने केउ ना आसे, समारोहे एसी है... जैसे गीतों से मनमोहक प्रस्तुति नन्हे कलाकारों द्वारा दी गयी। वहीं, बादल पाल ने बांग्ला लोक गीत के माछ घ धोरेो बरपी। दिये, खेला शेष तोर उड़े मन, जैसे गीतों की प्रस्तुति दी। सव्यसाची चंद के निर्देशन में उनके नृत्य ग्रुप द्वारा रवीद नृत्य पेश किया गया।  शाम में सांसद विद्युत वरण महतो पहुंचे, समिति द्वारा उनका स्वागत शॉल ओढ़ाकर एवं पुष्पगुछ देकर किया गया।

लोगों ने लजीज व्यंजनों का लिया आनंद

दोपहर में सभी के लिए भोजन की व्यवस्था रखी गयी थी। मांसाहारी में लोगों ने अंडा चावल, चटनी का आनंद लिया, तो वहीं शाकाहारी के लिए सोयाबीन की सब्जी, चटनी एवं गरमा गरम चावल परोसा गया, वहीं, बंग उत्सव के परिसर में बांग्ला खानपान की व्यवस्था रही, बंगाल का पीठा, मूदी- चॉप, मटरशुटीर कोचुरी के साथ कोसा मांसो, विरायानी, पुलाव- मांसी व अन्य चीजों का स्वाद लेने के लिए स्टॉलों में लोगों की भीड़ रही।





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