लखनऊ में सेना के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गए थे। समारोह सेना के बारे में जानने का था। उद्घाटन हुआ और योगी सेना की तैयारियों को देखते हुए हथियारों के बारे में जानने में रुचि लेने लगे। हाथ में गन आई तो वह उसे देखकर मुस्कुरा रहे थे। सेना के एक अफसर ने राइफल के बारे में कुछ जानकारी दी तो किसी फौजी की तरह योगी ने निशाना लगाया। उसी समय यह तस्वीर क्लिक हो गई और अब सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है। आगे उन्होंने कई असॉल्ट राइफल के बारे में जानकारी ली, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उस गन की हो रही है जिसकी तस्वीर सीएम ने खुद शेयर की है।
अमेरिकी असॉल्ट राइफल
वैसे, सेना ने नहीं बताया है कि वो गन कौन सी थी जिसे योगी ने हाथ में लेकर निशाना लगाया, लेकिन गूगल सर्च से पता चला कि यह काफी कुछ अमेरिकी Sig Sauer assault rifle से मेल खाती है।2010 में यह गन पहली बार बनी थी। भारत सरकार ने कुछ साल पहले करीब 73 हजार SIG 716 g2 मॉडल वाली राइफलों का ऑर्डर दिया था। पहला ऑर्डर पूरा होने के बाद पिछले महीने ही सेना ने 70 हजार और राइफलों के दूसरे बैच का ऑर्डर दिया है। यह इस समय जम्मू-कश्मीर में जवानों के हाथों में भी है। इन बंदूकों ने इंसास राइफलों की जगह ली है।
एके-47 का 'बाप'
हां, यह 600 मीटर से ज्यादा दूरी तक दुश्मन को ढेर कर सकती है। इस तरह से देखिए तो एके-47 का यह 'बाप' है क्योंकि रेंज डबल है। सैनिकों की अटैकिंग पावर बढ़ाने के लिए सरकार ने इसे खरीदा है। सिग सॉयर हाथ में हो तो आतंकियों को काफी दूर से मार गिराया जा सकता है। यह सिग राइफल चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर सैनिकों को दी गई है।योगी के हाथ में जो गन है उसी से मिलती जुलती दो और गन हैं जिनका प्रोडक्शन भारत में होने की खबर आई थी. 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल की दो अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल- Arad और Carmel का प्रोडक्शन भारत में तब शुरू होने वाला था। इसे 'मेक इन इंडिया' के तहत मध्य प्रदेश में बनाए जाने की तैयारी थी। अब बात उस इंटरव्यू की, जो योगी की तस्वीर देख लोगों को याद आ रहा होगा।
क्या योगी रखते हैं रिवॉल्वर?
उस इंटरव्यू में उन्होंने गन के बारे एक दिलचस्प बात बताई थी. कुछ साल पहले तब योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार किया था कि उनके पास एक लाख रुपये की रिवाल्वर और 80 हजार की राइफल थी। सवाल पूछा गया तो योगी ने कहा था- मेरे पास है न. उन्होंने आगे कहा, 'एक संन्यासी होने के नाते हमारा प्रशिक्षण शास्त्र और शस्त्र दोनों का होता है।एक तरफ माला जपने का होता है तो भाला चलाने का भी होता है। दोनों को एक साथ लेकर हम लोग चलते हैं और वह सुरक्षा के नाते है.'।



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