पुटकी 7 फरवरी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जगजीवन नगर धनबाद के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में माउंट आबू राजस्थान से आए हुए भगवान भाई ने कहा कि भौतिक शिक्षा से हम रोजगार प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन परिवार, समाज, कार्यस्थल में परेशानी या चुनौती का मुकाबला नहीं कर सकते है। युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करके डॉक्टर, इंजीनियर बनकर धनोपार्जन कर सुख-सुविधा युक्त जीवन निर्वाह करना चाहते हैं, परंतु जब उनका उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाता तो उनका मन असंतुष्ट हो उठता है और मानसिक संतुलन गड़बड़ा जाता है। उक्त उदगार माउंट आबू ब्रह्माकुमारी से पधारे हुए बी के भगवान भाई जी ने कहा | वे राजकीयकृत मध्य विद्यालय, मुनीडीह प्रोजेक्ट बालूडीह में नैतिक शिक्षा से चरित्रवान युवा विषय पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य हैं चरित्र का निर्माण करना, असत्य से सत्य की ओर ले जाना, बंधन से मुक्ति की ओर जाना लेकिन आज की शिक्षा भौतिकता की ओर ले जा रही है। भौतिक शिक्षा से भौतिकता की प्राप्ति होती है और नैतिक शिक्षा से चरित्र बनता है। इसलिए वर्तमान समय मे प्रमाणित भौतिक शिक्षा के साथ साथ बच्चो को नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता है । भगवान भाई ने आगे कहा कि शिक्षा से प्राप्त उपलब्धियां उन्हें निर र्थक प्रतीत होती हैं। जब तक जीवन में परोपकार, सेवाभाव, त्याग,उदारता,पवित्रता,सहनशीलता,नम्रता,धैर्यता,सत्यता,ईमानदारी, आदि सद्गुण नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अधूरी हैं । शिक्षा एक बीज है, जीवन एक वृक्ष है जब तक हमारे जीवन रूपी वृक्ष में गुण रूपी फल नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है | समाज अमूर्त होता हैं और प्रेम , सद्भावना , भातृत्व , नैतिकता एवं मानवीय सद्गुणों से संचालित होता हैं।
उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा से युवाओं को दिशा मिल सकती है | भौतिक शिक्षा से भौतिकता का विकास होगा और नैतिक शिक्षा से सर्वागिंण विकास होगा। नैतिक शिक्षा से ही हम अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते है जो आगे चल कर बेहतर भविष्य का निर्माण होगा। उक्त कार्यक्रम मे विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य चंद्र देव प्रसाद ने आगंतुक अतिथि का बुके देकर स्वागत किया एवं धन्यवाद किया। मौके पर धनबाद सेंटर के भाई रवि जी, पुटकी सेंटर के बी के माधव झा, बी के उमेश सिंह, विद्यालय के उमेश प्रसाद शर्मा एवं अन्य शिक्षक शिक्षिकाएं एवं बच्चे मौजूद थे।
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