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आईआईटी (आईएसएम) धनबाद ने जेईई (एडवांस्ड) 2025 के सफल अभ्यर्थियों के लिए वर्चुअल ओपन हाउस का आयोजन किया

 


धनबाद। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खनन विद्यालय), धनबाद (आईआईटी-आईएसएम) ने आज जेईई (एडवांस्ड) 2025 परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों के लिए एक अत्यंत रोचक और जानकारीपूर्ण वर्चुअल ओपन हाउस सत्र का आयोजन किया। इस आयोजन ने देशभर से जुड़े विद्यार्थियों को संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों से प्रत्यक्ष संवाद का दुर्लभ अवसर प्रदान किया, जिससे वे भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों में से एक के जीवन को करीब से समझ सके।यह सत्र दोपहर 12:30 बजे प्रारंभ हुआ, जिसमें आईआईटी (आईएसएम) के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने विद्यार्थियों के प्रश्नों का स्वयं उत्तर देकर उन्हें अकादमिक कार्यक्रमों, परिसर की संरचना, छात्र जीवन और प्लेसमेंट के अवसरों के बारे में स्पष्ट जानकारी दी। यह वर्चुअल सत्र विद्यार्थियों को संस्थान की विविधताओं से परिचित कराने और आईआईटी समुदाय में शामिल होने के उनके निर्णय को आसान बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।सत्र की शुरुआत कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन डीन प्रो. रजनी सिंह के स्वागत भाषण से हुई, जिसने संवादात्मक सत्र की दिशा तय की। इसके बाद संस्थान के अन्य प्रमुख अधिकारियों जैसे उप निदेशक प्रो. धीरज कुमार और डीन (अकादमिक) प्रो. एम. के. सिंह ने शैक्षणिक ढांचे और नए कार्यक्रमों की जानकारी साझा की।छात्र गतिविधियों के एसोसिएट डीन प्रो. संजय मंडल ने छात्र-केंद्रित पहलों पर प्रकाश डाला, जिनमें छात्रवृत्ति योजनाएं, छात्रावास की सुविधा और कल्याण कार्यक्रम शामिल हैं, जो छात्रों के लिए एक समग्र और सहायक वातावरण सुनिश्चित करते हैं। नवाचार एवं उद्यमिता प्रोत्साहन के डीन प्रो. आलोक दास ने संस्थान में नवाचार की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराया, जिसमें नरेश वशिष्ठ टिंकरिंग एंड इनोवेशन सेंटर (एनवीसीटीआई), कोल टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर, टेक्समिन और सीआईएल इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर जैसे विशेष केंद्र शामिल हैं।

करियर डेवलपमेंट सेंटर की अध्यक्ष प्रो. सौम्या सिंह ने संस्थान के प्लेसमेंट रिकॉर्ड, इंटर्नशिप के अवसरों और उद्योग जगत के साथ सहयोग पर विस्तृत जानकारी दी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि आईआईटी (आईएसएम) के छात्रों के लिए उज्जवल करियर संभावनाएं उपलब्ध हैं।सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने संस्थान के विशाल और जीवंत परिसर की वर्चुअल सैर का भी आनंद लिया, जिसमें प्रमुख शैक्षणिक क्षेत्रों के साथ-साथ लोकप्रिय छात्र सुविधाओं जैसे लोअर और अपर ग्राउंड्स, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर, स्विमिंग पूल, जिमनैजियम, बॉक्सिंग रिंग, बिलियर्ड्स रूम और स्क्वैश कॉम्प्लेक्स को दिखाया गया।आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, जिसकी प्रतिष्ठित विरासत 99 वर्षों से भी अधिक की है, की स्थापना 1926 में "इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स एंड एप्लाइड जियोलॉजी" के रूप में की गई थी, जिसे लंदन के रॉयल स्कूल ऑफ माइन्स से प्रेरणा मिली थी। प्रारंभ में यह संस्थान खनन और अनुप्रयुक्त भूविज्ञान पर केंद्रित था, लेकिन समय के साथ इसने पेट्रोलियम इंजीनियरिंग और अनुप्रयुक्त भूभौतिकी (1957) सहित अनेक इंजीनियरिंग एवं विज्ञान शाखाओं को भी अपने शैक्षणिक दायरे में शामिल किया। वर्ष 1997 में इस संस्थान ने आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा के माध्यम से छात्रों को प्रवेश देना प्रारंभ किया और 2016 में इसे औपचारिक रूप से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) का दर्जा प्राप्त हुआ।

आज आईआईटी (आईएसएम) अपनी समृद्ध विरासत को संजोए रखते हुए नवाचार और बहु-विषयक शिक्षण को अपनाते हुए भविष्य के तकनीकी विशेषज्ञों के लिए एक सजीव शैक्षणिक वातावरण प्रदान कर रहा है।

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