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दी आर्ट ऑफ़ लिविंग धनबाद ने गुरु पूर्णिमा समारोह कर्णप्रिय भजन, गुरु पूजा व फुल मून मेडिटेशन के साथ भव्य आयोजन किया

 



धनबाद। संस्कृत में "गुरु" का अर्थ है अज्ञान (Gu) को प्रकाश (Ru) से दूर करने वाला । गुरु ही वेदों, अनुभव और शिक्षाओं द्वारा हमारा मार्गदर्शक बनता है, जो हमें अज्ञान-अंधकार से जीवन में प्रकाश की ओर लेकर जाता है ।गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के रूप में मनाए जाने का मूल कारण है महार्षि वेदव्यास की जयंती जिन्होंने वेदों को चारखंडों में विभाजित कर हमारे ज्ञान की नींव रखी  ।10 जुलाई 2025 को गुरुवार को राज कमल सरस्वती विद्या मंदिर, धनसार (धनबाद) में दी आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा गुरु पूर्णिमा समारोह का आयोजन किया गया। समारोह संध्या 5:30 बजे भक्तों के आगमन एवं स्वागत के साथ प्रारंभ हुआ।बजे ओंकार जाप और गणेश भजन, गुरु पूजा गुरु पंडित द्वारा और लाइव प्रस्तुति: भानु दीदी बेंगलुरु आश्रम से हुआ। कर्णप्रिय भजन सत्र मयंक सिंह, सोनाली सिंह, अनुप्रिया गुप्ता, आकाश सिंह आदि ने किया। पूर्णिमा ध्यान सत्र, जन्मदिन/वर्षगांठ सम्मान और आगामी कार्यक्रमों की घोषणा, स्वादिष्ट प्रसाद वितरण के साथ समापन।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने मे मयंक सिंह, सोनाली सिंह, सोनी कुमारी, बिनोद तुलस्यान, सुतापा मंडल, सृष्टि अग्रवाल, अरुमिका घोष, रंजिता प्रसाद, नीतीश अग्रवाल, अपर्णा दास अनिल बरनवाल, गौरी शंकर इत्यादि का योगदान रहा।

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