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जैन धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा त्योहार पर्युषण पर्व 28 अगस्त से प्रारंभ हो रहा है

 



धनबाद। पर्युषण पर्व जैन धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा त्योहार है । इसे भाद्र महीने के शुक्ल पक्ष में विशेष रूप से मनाया जाता है । इसे दसलक्षण धर्म भी कहा जाता है, जिसमे क्षमा ,मार्दव,आर्जव,सत्य,संयम,शौच,तप,त्याग, आकिंचन्य, और ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा होती है। इस त्योहार की समाप्ति क्षमावाणी के साथ होती है जिसमे प्रयेक ब्यक्ति अपने सम्बंधियों, मित्रो से जाने अनजाने में वर्ष भर में किये गए गलतियों के लिए क्षमा याचना करते है ।उस दिन को विश्व मैत्री दिवस भी कहते है ।

कार्यक्रम 

इस बार पर्युषण पर्व 28 अगस्त से  प्रारंभ होगा ।

धनबाद के धैया  जैन मंदिर में भक्तिभाव से प्रातः 7 बजे से भगवान का अभिषेक ,शांतिधारा उसके बाद पूजा होगी  साथ ही  धैया जैन मंदिर में  दशलक्षण विधान का भी आयोजन किया गया है ।

संध्या 7 बजे भक्तिमय सामूहिक आरती  शास्त्र प्रवचन, और सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा ।

2 सितंबर को संध्या 4 बजे धूप दशमी का कार्यक्रम होगा ।

6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के अवसर पर संध्या 4 बजे महा अभिषेक होगा ।

8 सितंबर को संध्या 4 बजे क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा । इस पर्व में बहुत से लोग ब्रत ,उपवास भी रखते है

पर्युषण पर्व को सुचारू और भक्तिभाव से करने के लिए धैया जैन मंदिर में सांगानेर जयपुर से पंडित आदर्श  जी शास्त्री आ रहे  है।

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