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दानवता से मानवता की ओर ले जाती है श्रीमद् भागवत कथा:राजेंद्र जी महाराज





धनबाद। धनबाद के फॉरेस्ट रिजॉर्ट, आमघाटा ,गोविंदपुर रोड में हडोदिया परिवार द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय कथा के आज तृतीय दिवस में आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने कथा में बताया कि राजा परीक्षित ने भागवत कथा सुनकर मोक्ष की प्राप्ति की। परीक्षित महाराज प्रमाण है की भागवत की कथा जो लोग जिस उद्देश्य से सुनते हैं, उसका संकल्प उसी अनुसार पूरा होता है। भगवान वस्तु के भूखे नहीं होते बल्कि भाव के भूखे होते हैं। महाभारत काल में विदुर के संग केले के छिलके खाए, परन्तु वह दुर्योधन के छप्पन भोग का तिरस्कार किया। अर्थात भगवान को प्रेम भाव ही प्रिय है। भक्ति की कोई उम्र नहीं होती है। आज प्रत्येक जीवात्मा अंदर से दुखी है लेकिन सच्चा सुख तो भागवत भजन में ही होता है। ध्रुव जी ने 5 वर्ष की अवस्था में ही भगवान के दर्शन प्राप्त किया। भागवत हमें गौ, गायत्री, गीता, माता-पिता, गुरू व बुजुर्गो का सम्मान करना सिखाती है।

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