धनबाद:धनबाद के प्रतिष्ठित उद्योगपति स्वर्गीय दरोगा प्रधान के पुत्र महेश प्रधान और दिनेश प्रधान पर करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े और वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा है। आरोप है कि दोनों भाइयों ने वर्ष 2017 में धनबाद स्थित दो औद्योगिक कंपनियों — एम/स प्री-स्ट्रेस्ड इंडस्ट्रीज इंडिया प्रा. लि. और एम/स मार्स मर्केंटाइल प्रा. लि. — के स्वामित्व के ट्रांसफर के नाम पर गंभीर धोखाधड़ी की। मामला तब शुरू हुआ जब धनसार, अशोक नगर निवासी मनमोहन वर्मा (86 वर्ष) और उनके परिवार ने अपनी कंपनियों के 100% शेयर ₹32.95 करोड़ में प्रधान बंधुओं को बेचने का समझौता किया। लेकिन, आरोप के अनुसार, खरीदारों ने केवल ₹4.77 करोड़ का आंशिक भुगतान किया और उसके बाद फर्जी दस्तावेजों तथा कंपनी सचिव श्रीमती ऋतु रितोलिया की मिलीभगत से शेष शेयरों का अवैध ट्रांसफर करा लिया।
इस संबंध में बैंक मोड़ थाना, धनबाद में दो प्राथमिकी (FIR संख्या 354/2019 और 31/2020) दर्ज की गई हैं। पुलिस ने दोनों मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी है, जबकि धनबाद सिविल कोर्ट में सीपी केस नं. 5239/2022 भी विचाराधीन है। जांच में यह भी सामने आया है कि शेयर ट्रांसफर के लिए पीछे की तारीख में कागजात बनाए गए, जिनकी पुष्टि स्टाम्प विक्रेताओं और नोटरी पब्लिक के शपथपत्रों से हुई है।इसके अलावा कंपनियों के ऑडिटर्स — सीए रबिन्द्र कुमार पट्निया (प्री-स्ट्रेस्ड) और सीए फाल्गुनी बनर्जी (मार्स मर्केंटाइल) — पर भी वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार, करोड़ों के ऋण को अवैध रूप से write-off किया गया और बैलेंस शीट में गंभीर विसंगतियाँ दर्ज की गईं।आरोप यह भी है कि प्रधान बंधुओं ने प्री-स्ट्रेस्ड इंडस्ट्रीज को बिना मूल मालिकों की सहमति राघवजी स्टील प्रा. लि. में निवेशक और गारंटर घोषित कर दिया — जो एक बड़ा कॉर्पोरेट अपराध माना जा रहा है।
वर्तमान में दोनों कंपनियाँ प्रधान बंधुओं के नियंत्रण में हैं, और इन कंपनियों के नाम पर ₹80 करोड़ से अधिक के ऋण विभिन्न बैंकों व वित्तीय संस्थाओं (जैसे SCI और HDFC) से लिए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बैंकों की due diligence प्रक्रिया की कमी भी इस विवाद को और गहराती है।
मूल शेयरधारक मनमोहन वर्मा परिवार ने अब राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT), कोलकाता में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में अवैध शेयर ट्रांसफर को निरस्त कर, कंपनियों के स्वामित्व को वैध मालिकों के नाम पर पुनर्स्थापित करने की मांग की गई है।


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