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झारखण्ड बंगला भाषा उन्नयन समिति ने सरकारी विद्यालयों में बांग्ला भाषा में पठन-पाठन की मांग को दोहराया, कहा कि बंगला भाषा को छोड़कर झारखंड में 2024 में किसी की सरकार नहीं बन सकती

  


Dhanbad। झारखण्ड बंगला भाषा  उन्नयन समिति की ओर से निरसा विधानसभा अंतर्गत उत्क्रमति मध्य विद्यालय बान्द्राबाद में समाजसेवी काजल नाग द्वारा 180 वर्ण परिचय बंगला कि ताब वितरन किया गया। इस कार्यक्रम में गाँव के सभी सामाज के लोग और संस्थापक बेगू ठाकुर, बाबलू दास उपस्थित  होकर कहा की झारखण्ड सरकार के सभी सरकारी विद्यालय से लेकर प्रथामिक उच्च विद्यालय तक मातृभाषा  में बंगला भाषा का पठन पाठन किया जाए। क्योकि सरकार द्वारा शिक्षा  निति में जो निर्देश आया है। उसमें सरकारी नौकरी में मातृभाषा एक विषय पर परिक्षा देना अनिवार्य हैं। इस क्षेत्र के बंगला भाषा के छात्र-छात्राएँ कौन सी मातृभाषा में परीक्षा देंगे, इसका जवाब कौन देगा। इसलिए सरकार से माँग करते हैं अविलंब तमाम सरकारी विद्यालय में बंगला भाषा की पहन-पाठन में बंगला भाषा की शिक्षक नियुक्ति की जाए। तथा संरकार द्वारा झारखण्ड के सभी जिला में जो पुस्तक वितरण हो रहा हैं, इसमें बंगला किताब का वितरण क्यो 'नहीं हो रहा हैं। हमारे जनप्रति निधी बंगला विषय के बारे में आवाज उठाने से क्यों डरते है। बंगला भाषा छोड़कर झारखंड में 2024 में सरकार नही बन सकता हैं। आज के कार्यक्रम में तपन चक्रवर्ती, आदित्य चक्रवर्ती, गौतम बनर्जी, उत्तम दास, विद्यालय के शिक्षक दिनेश कुमार दास, सुभुकान्त बनर्जी, सोनाली गोराई  उपस्थित रहे। 



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