धनबाद। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पावन वराह द्वादशी के अगले दिन 22 फरवरी (गुरुवार) को इस्कॉन धनबाद के द्वारा इस्कॉन मेडिटेशन सेंटर में नित्यानंद त्रयोदशी मनाया गया तथा श्रीश्री गौर-निताई-चंद्र के श्रीविग्रह महाअभिषेक का आयोजन किया गया। कथा- कथा व्यास दामोदर गोविन्द प्रभु ने बताया कि कलयुग के सभी जीवो का उद्धार करने के लिए पतित पावन चैतन्य महाप्रभु का आविर्भाव कलयुग में हुआ साथ ही नित्यानंद प्रभु जो की चैतन्य महाप्रभु से भी अधिक करुणामय कहे जाते हैं जो की बलराम जी हैं आज उनका आविर्भाव दिवस है|
साथ ही इस्कॉन धनबाद के अध्यक्ष नामप्रेम प्रभु कलि सन्तरन उपनिषद में दिये श्लोक कहते हुए बताया कि हरिनाम हमारे इतने पापों को धो सकता है कि जितने पाप एक पापी से पापी मनुष्य की करने की भी क्षमता नही है। आज इस्कॉन ने केवल हरिनाम के बल पर विश्व को विविधता में एकता का पाठ पढ़ाया है। प्रत्येक देश मे इस्कॉन के अनुयायी बड़ी संख्या में एक साथ प्रेम से हरिनाम करते हुए शांति और सौहार्द के प्रतीक के रूप में एक मिसाल कायम कर रहे है। उन्होंने आगे बताया कि वैश्विक भाईचारा चाहिए तो वैश्विक पिता के रूप में सबो को परम् पिता श्री कृष्ण की अधीनता स्वीकार कर गीता में बताए नियमानुसार जीवन यापन करने हेतु लोगो को प्रेरित करना होगा और यही सनातन धर्म का आधार है।
महाअभिषेक - कथा उपरांत कृष्ण बलराम के युगावतार नित्यानंद प्रभु एवम गौरांग महाप्रभु की युगल मूर्ति का दही, दुग्ध, मधु, शर्करा, पुष्प, फलों के रस एवं गंगा जल से भव्य महाअभिषेक आयोजित किया गया। इस्कॉन धनबाद के अध्यक्ष नाम प्रेम दास जी ने बताया के अभिषेक हेतु 54 से भी अधिक सामग्री की व्यवस्था की गई।
हरिनाम संकीर्तन - अभिषेक के दौरान भक्तों द्वारा पूरे वातावरण को हरिनाम द्वारा गुंजायमान किया गया। आये हुए श्रद्धालु, भक्ति रस में सराबोर स्वयं को हरिनाम में थिरकने से रोक नही पाए।
महाप्रसाद - अंत में उपस्थित श्रद्धालुओं नें भगवान को अर्पित महाप्रसाद का जमकर आनंद लिया। महाप्रसाद में पुलाव,चना दाल , मिक्स वेज तथा खीर का आस्वादन सभी ने जमकर किया।



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