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आधी रात को संत अंथोनी चर्च की सभी घंटियां घन-घना उठी और लोग झूम उठे, एक दूसरे से लोग गले लगाकर, हाथ मिलाकर क्रिसमस की बधाइयां देने लगे,आया मसीह दुनिया में तू पापियों को बचाने को जैसे गीतों पर मसीही समुदाय के लोगों ने अपनी खुशियों को प्रकट किया



धनबाद। 24 दिसंबर की आधी रात को संत अंथोनी चर्च की सभी घंटियां घन-घना उठी और लोग झूम उठे, एक दूसरे से लोग गले लगाकर, हाथ मिलाकर क्रिसमस अर्थात बालक यीशु के जन्म की बधाइयां देने लगे। मौका था क्रिसमस का।रात्रि 10:30 बजे प्रार्थना सभा के पूर्व मनमोहन सुरों एवं गीतों से समा बांध दिया लोग जिससे लोग खुशी से मग्न हो उठे। गीत के बोल थे "आया मसीह दुनिया में तू पापियों को बचाने को", "चरनी उपरे का तारा टिम टिम चमकेला"। इन सुन्दर गीतों को कॉयर ग्रुप के शांति सोय, सरोज पन्ना, राखी सुरिन, अपर्णा लकड़ा, खुशबू सुरिन के नेतृत्व में सिंथेसाइजर पर रिषु सुरिन, पैड पर हर्षित बोनी बरला, जॉनसन लोहार, गिटार पर जेनो फेलिक्स बरला, डैनी खलखो तथा ढोलक पर अंकुर कुजूर द्वारा मधुर सुरों से सजाया। बाइबल से पहला पाठ अल्बीना केरकेट्टा तथा दूसरा पाठ प्रवीण लोंगा द्वारा पाठ पढ़ा गया।प्रार्थना सभा में फादर अमातुस कुजूर ने अपने उपदेश में कहा कि ईश्वर कभी भी हम सबों के पास खाली हाथ नहीं आते हैं। इसका सबसे बड़ा और जीवंत उदाहरण है ईश्वर का स्वयं मनुष्य रूप लेकर हम सबों के बीच जन्म लेना। 

प्रार्थना सभा के अंत में फादर ने बालक यीशु को चूमकर अपने प्यार, विश्वास और निष्ठा को प्रकट किया। तत्पश्चात वहां मौजूद प्रत्येक ईसाई धर्मावलंबियों ने फादर द्वारा गोद में लिए हुए बालक यीशु को चूमकर अपनी खुशी का इजहार किया। फादर द्वारा बालक यीशु की प्रतिमा को चर्च परिसर में बनी भव्य चरनी (बिचाली/ पुवाल से निर्मित) जिसमें चमकता तारा, तीन ज्योतिषी हाथों में सोना, लोवान एवं गंधरस लिए हुए, चरवाहे, भेड़- बकरी, माता मरियम तथा पिता जोसेफ के समक्ष स्थापित किया गया।

प्रार्थना सभा के अंत में क्रिसमस गैदरिंग में आयोजित चरनी बनाओ प्रतियोगिता के विजेताओं को चर्च के फादर द्वारा पुरस्कृत किया गया। चरनी बनाओ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान निशी बारला, द्वितीय स्थान सेजल सेलीना एक्का, तीसरा स्थान एडविना किंडो तथा सांत्वना पुरस्कार अंशी खलखो को पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया और अंत में लोगों के बीच क्रिसमस केक बांटा गया। लोगों ने सामूहिक पारंपरिक नृत्य लुफ्त उठाया। प्रार्थना सभा में हजारों की संख्या में ईसाई धर्मावलंबी उपस्थित थे उन सभी के सुविधा के लिए रात्रि आयोजित प्रार्थना सभा में भाग लेने के लिए बड़े स्क्रीन की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम को सफल बनाने में विमल खाखा, विक्टर डिक्रूज, मार्टिन कलेपशन, सुधीर बाखला, भाग्य प्रसाद, चेतन किंडो, एंथोनी टुडू  का सहारणीय योगदान रहा।



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