धनबाद। जगजीवन नगर स्थित बालाजी मंदिर में एक बार फिर वार्षिक महोत्सव की तैयारी जोरो से हैं।इस वर्ष यह महोत्सव तीन दिनों का होगा।तीन दिवसीय यह महोत्सव ८ एवं ९ मार्च २०२५ दिन, शनिवार एवं रविवार को होना तय है।ज्ञात हो कि श्री वेंकटेश्वर (बालाजी) मंदिर समिति धनबाद 1987 के अपने स्थापना काल से लगातार वार्षिक महोत्सव मनाता आ रहा है। मंदिर कमिटी के सदस्यों द्वारा इस वर्ष भी वार्षिक महोत्सव अपने पारंपरिक रीति रिवाजों से किये जाने सम्बंधित तैयारियां अपने चरम पर है।दो दिवसीय वार्षिकोत्सव का शुरुआत ८ मार्च की सुबह ६ बजे सुप्रभात सेवा से प्रारम्भ होकर समापन ९ मार्च रात्रि ०८.३० बजे भगवान के एकांत सेवा के साथ समापन किया जायेगा। कोयलांचल के लिए एक बार फिर यह एक अद्भुत नज़ारा होगा जब भगवान बालाजी की पूजा, अर्चना, आरती, अभिषेक एवं विवाह की रश्में परम्पराओं एवं विधि विधान द्वारा की जाएगी। इस अवसर पर पूजा के लिए विशेष रूप से पुरोहितों का दल तिरुपति तिरुमला से बुलाया जा रहा है और इस के साथ ही तिरुपति बालाजी मंदिर में बनने वाले लड्डुओं के लिए विशेष कारीगर तिरुपति से धनबाद आ रहें हैं इतना ही नहीं भगवान बालाजी की प्रिय वाद्य यंत्र शहनाई एवं मृदंग बजाने वालों का भी एक दल कोयलांचल में अपनी आध्यात्मिक शास्त्रीय धुन बिखेरने पधार रहें हैं।आयोजन से संबंधित तैयारियों की जानकारी देते हुए मंदिर कमिटी के सचिव जी. वी. एस. एन. राव ने कहा कि हम अपनी पूरी निष्ठा और शक्ति के साथ मंदिर एवं पूजा की परम्पराओं को ध्यान में रखते हुए तैयारियों में लगे हैं हमारी सफलता ईश्वर के हाथों में हैं। उन्होंने बताया कि ८ मार्च (शनिवार) की संध्या एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमे कोयलांचल के भिन्न भिन्न उम्र के कलाकारों द्वारा नृत्य, संगीत एवं वादन की सांगीतिक प्रस्तुति की जाएगी, साथ ही कुछ विशेष भक्तों को मंदिर समिति की ओर से सम्मानित भी किया जायेगा। इस आयोजन की आवश्यकता पर बताते हुए समिति के अध्यक्ष श्री के. वी. रमना राव ने कहा कि हमारी सामाजिक सांस्कृतिक जिम्मेदारी है कि हम समाज में सामूहिक तौर पर सकारात्मक वातावरण के निर्माण के लिए ईश्वर का गुणगान करें। बालाजी मंदिर कमिटी के द्वारा यह वार्षिक कार्यक्रम इसी दिशा में वर्षों से किया जाता रहा है।
कार्यक्रम के भव्य आयोजन हेतु अर्थ की व्यवस्था पर अपने विचार रखते हुए मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष प्रो. वी. गोविन्द कुमार विल्लुरी ने कहा कि अर्थ की व्यवस्था सदा से ही कठिन कार्य रहा है इस वर्ष के कार्यक्रम की व्यवस्था के कारण महोत्सव के लिए अर्थ के आयोजन में और भी बड़ी चुनौति खड़ी हो रही है पर हमें पूरा विश्वास है कि ईश्वर के इस कार्य को पूरा समाज मिलकर सफलता पूर्वक पूर्ण कर लेगा। वर्षों से प्रसाद निर्मित करवाने एवं भोग वितरण करवाने का दायित्व निभाने की भूमिका में समिति के सहायक सचिव राकेश राव ने बताया कि इस वर्ष अधिक संख्या में आई आई टी आई एस एम के विद्यार्थियों के आने की संभावना है। इस वर्ष भोग पाने वालों की संख्या दो हज़ार से भी अधिक होगी जिसे सफलता निर्वहन करने के लिए भोग हेतु एक अतिरिक्त पंडाल की व्यवस्था की जाएगी ताकि सभी को समय पर भोग दिया जाना सुनिश्चित कराया जा सके। कार्यक्रम के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए समिति के उपाध्यक्ष डॉ. बी. जगदीश राव ने बताया कि बालाजी मंदिर में मनाया जाने वाला यह एक सामाजिक महोत्सव है जिसमे दक्षिण भारतीय पूजा एवं परंपरा की झलकियां दिखती हैं। जिसमे समाज के हर वर्ग के लोग बढ़ चढ़ कर शामिल होते हैं एवं प्रत्येक श्रद्धालु अपनी निश्चित भागीदारी का यथा संभव निर्वहन करते हैं। उन्होंने बताया कि महोत्सव के दूसरे एवं अंतिम दिन ९ मार्च, दिन रविवार को श्री वारी कल्याणम का होना है जिसमे भगवान बालाजी का विवाह माँ लक्ष्मी एवं राज कुमारी पद्मावती से कराई जाती है और इस विवाहोत्सव में कोयलांचल के पांच सौ से अधिक वैवाहिक जोडिया वैवाहिक उत्सव में सहृदय शामिल होती हैं। महोत्सव में न केवल सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं बल्कि श्रद्धालुओं द्वारा सम्पूर्ण विधि विधान से संकल्प एवं पूजा करते है और अंत में दक्षिण भारतीय व्यंजनों का भोग (प्रसाद) पा कर गोविंदा गोविंदा के नारे से कोयलांचल की धरती को गुंजायमान करने में अपनी भागीदारी निभाते हैं।
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