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झारखण्ड के बांग्लाभाषी आंदोलन की राह पर, 14 मई को उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन


Dhanbad. झारखण्ड गठन के बाद से पिछले पच्चीस वर्षों से एक कूट षडयंत्र के तहत सत्ता और शासन द्वारा प्रदेश के एक करोड़ तीस लाख बांग्लाभाषियों के अस्तित्व को मिटाए जाने और सम्प्रति बांग्लाभाषी विरोधी दो महत्वपूर्ण घटनाक्रम के आलोक में प्रदेश का बांग्लाभाषी समाज क्षुब्ध है और प्रदेश स्तर पर आन्दोलन की तैयारी कर रहा है। इस आशय की  जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से देते हुए झारखण्ड बांग्लाभाषी उन्नयन समिति के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रीना मंडल द्वारा बतलाया गया कि माननीय शिक्षा मंत्री महोदय द्वारा समिति के शिष्ट मंडल को बांग्ला भाषा में पठन पाठन प्रारम्भ करने हेतु अभ्यावेदन समर्पित करने के दौरान दिया गया बयान, " पहले छात्र लाइए फिर पुस्तक देंगे " प्रदेश का बांग्लाभाषी समाज में काफी रोष है और समाज द्वारा इसकी घोर निन्दा की गई है।सम्प्रति प्रदेश सरकार द्वारा रांची स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन का भी निर्णय लिया गया है,का भी कड़े शब्दों में विरोध करती है।डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक प्रखर राष्ट्रवादी महापुरुष,शिक्षाविद्, चिंतक, सामाजिक कार्यकर्ता, एवं सर्वोपरि स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण मंत्री थे, के नाम से संचालित विश्वविद्यालय से उनके नाम को विलोपित किया जाना सर्वथा अस्वीकार्य है और बांग्लाभाषी समाज का अपमान है। प्रदेश का बांग्लाभाषी समाज झारखण्ड बांग्लाभाषी उन्नयन समिति के बैनर तले अब प्रदेश स्तर पर आन्दोलन की तैयारी कर रहा है।इस कड़ी में दिनांक 14 मई को प्रदेश के सभी उपायुक्तों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री महोदय को विरोध पत्र समर्पित किया जाएगा । दिनांक 19 मई, सिलचर,असम के भाषा शहीद दिवस के अवसर पर धनबाद के रणधीर वर्मा चौक से प्रदेश स्तरीय बांग्ला भाषा जनजागरण अभियान का शुभारंभ किया जाएगा जिसे प्रत्येक पंचायत स्तर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा । समिति की ओर से बतलाया गया कि जमशेदपुर मेंआयोजित होने वाले राज्यधिवेशन में  प्रदेश के सभी जिलों एवं सभी संगठनों द्वारा आगे के आन्दोलन कीरणनीति बनाई जाएगी। प्रदेश के बांग्लाभाषी अब किसी भी कीमत पर अपना अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। रीना मंडल द्वारा प्रदेश के सभी बांग्लाभाषियों से अपनी मातृभाषा एवं संस्कृति के रक्षार्थ अपना आपसी भेद भाव भूला कर एक जुट होकर आन्दोलन में शामिल होने का अनुरोध किया गया हे।


 

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