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जहाँ साँसें थम गईं, असर्फी ने उम्मीद जगा दी,मात्र छह दिनों के उपचार के बाद मरीज स्वयं पैदल चलते हुए घर लौटकर अब पूरी तरह सामान्य जीवन जी रहा है





धनबाद। असर्फी हॉस्पिटल ने एक बार फिर यह साबित किया कि समय पर सही उपचार और विशेषज्ञ डॉक्टरों की तत्परता, असंभव को भी संभव बना सकती है। देवघर के एक दूरस्थ गाँव के निवासी मोहम्मद फुरकान मिर्ज़ा को अचानक घर पर ही बेहोशी आने लगी। परिजन स्थिति समझ नहीं पाए और उन्हें करीबी अस्पताल ले गए, जहाँ उन्हें सी.पी.आर. दिया गया। लगातार बेहोशी और बार-बार सी.पी.आर. के बावजूद जब परिजनों ने लगभग उम्मीद छोड़ दी, तभी किसी ने उन्हें सुझाव दिया कि हृदय रोग उपचार के लिए असर्फी हॉस्पिटल इस क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ केंद्र है। लगातार सी.पी.आर. देते हुए ही परिवार मरीज को असर्फी लाया।

असर्फी पहुँचते ही डॉ. बिपिन सिन्हा के नेतृत्व में हृदय रोग विशेषज्ञों की टीम ने तत्काल निर्णय लेते हुए टेम्पोरेरी पेसमेकर लगाया। इस दौरान मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया, क्योंकि फेफड़े नहीं काम कर रहे थे। परिवार पूरी तरह निराश हो चुका था, परंतु डॉ. बिपिन सिन्हा और उनकी टीम को विश्वास था कि मरीज को बचाया जा सकता है।

गहन देखभाल और उपचार के बाद, जब मरीज को जीवन में वापस लाया गया, तो स्थायी पेसमेकर लगाया गया और टेम्पोरेरी पेसमेकर को बदल दिया गया। मात्र छह दिनों के उपचार के बाद मरीज स्वयं पैदल चलते हुए घर लौटे और अब पूरी तरह सामान्य जीवन जी रहे हैं।

इस सफलता का श्रेय असर्फी हॉस्पिटल की अनुभवी कार्डियक टीम को जाता है – असर्फी हॉस्पिटल, धनबाद में डॉ. बिपिन सिन्हा, डॉ. उदय और डॉ. सूरज चवन जैसे विशेषज्ञ और अनुभवी कार्डिओलॉजिस्ट्स हैं जो किसी भी हृदय रोग की चुनौती को संभालने में सक्षम है।

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