Dhanbad। नवरात्र सिर्फ पूजा और अनुष्ठान का पर्व ही नहीं है, बल्कि नारी सशक्तीकरण को सेलिब्रेट करने का अवसर भी है। मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की अपार शक्ति नारी सशक्तीकरण का प्रतीक है। आज की नारी में जहां मां दुर्गा का ममतामयी रूप सजा है वहीं कुछ कर गुजरने का जोश भी निहित है। सृजन और संहार के दोनों रूपों को अपनाकर सशक्त हुई है आज की यह नारी। अपने नवरात्रि स्पेशल में जोहर पत्रिका के माध्यम अपने शहर की कुछ ऐसे ही नारियों को आपके बीच लाने का प्रयास कर रह रहे हैं। नारी शक्ति का प्रतीक बरवा अड्डा की रहने वाली समाजसेवी और सफल गृहणी रीना मंडल अपनी दोहरी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है आईए जानते हैं उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी।
नारी तू दुर्गा है, नारी तू काली है जागो नारी जागो,,, इस कलयुग के रावण राज में कोई राम ना आएंगे,,,,उठो नारी उठो समय रहते शस्त्र उठा लो,,,,अपना रक्षा कवच खुद बनो, बता दो इस संसार को तू अब नए युग की नारी है,,,,ना अबला, ना बिचारी इस युग की एक सशक्त नारी है।अपनी ही रक्षक के रूप में मैं काली चंडी का रूप धारण करने में नहीं कभी हिचकिचाऊंगी।अपने अधिकारों व विरोधियों को परास्त करने वाली मैं झांसी की रानी कहलाऊंगी। अब युग बदल रहा है,,, काल बदल रहा है,,,
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके ,,,,,, जब इस श्लोक के साथ देवी दुर्गा की आराधना शुरू होती है तो नारी शक्ति का अहसास होता है। उस शक्ति का जिसकी बदौलत समाज में परिवर्तन आया है, युग बदला, काल बदला,,,, यहां तक की समाज की सोच भी बदली है। अब हर नारी में कुछ करने का जज्बा है, वह हर रुकावटें को दूर करके आगे बढ़ रही है। अपनी शक्ति और सफलता का परचम लहरा रही है। मां दुर्गा की पूजा हमें बताती है कि एक औरत की वास्तविक शक्ति क्या है। नौ दिन शक्ति की पूजा निश्चित रूप से नारी सशक्तिकरण का ही प्रतीक है। आज लड़कियां मां दुर्गा की तरह ही बुराई के खिलाफ खड़ी हो रही है। अपनी शक्ति को जागृत कर रही है और अपने सफलता की राह में आने वाले हर कठिनाइयों को परास्त कर रही है।
तो क्या हुआ मुझे हर रोज सुबह 4 बजे उठना पड़ता है अपने घर के चौखट पर मांड़ोली देना पड़ता है। हां में नारी हूं मुझे गर्व है कि मैं नारी हूं,,,, मैं आज के इंटरनेट युग की नारी हूं जो एक साथ हर काम को भली भांति निभा रही हूं,,,, मैं अपने परिवार की रोल मॉडल हूं मेरी सोच विचार ही मेरी पहचान है,,,, बच्चों को समय पर स्कूल भेजना, घर का पूरा काम देखना इस बीच थोड़ा सा समय निकालकर सोशल मीडिया पर भी ध्यान देना,,,, बीच में सबकी थोड़ी सी डांट ,,,,,, तो क्या हुआ मैं नारी हूं और मुझे गर्व है कि मैं नारी हूं,,,, मां बन कर जीवन के मूल्य से परिचय करवाना,,,, बहन के रूप में चिरकालीन मित्र शुभचिंतक,,,, पत्नी के रूप में जीवन रूपी डगर पर अनेक भूमिकाओं को प्रतिरूप,,,, बेटी के रूप में कोमल भावनाओं से परिचय करवाना,,,, साथ ही घर की छोटी से छोटी दायित्व का निर्वाह करना मेरा परम कर्तव्य है। हां मुझे गर्व है कि मैं नारी हूं,,,,, मैं अपने घर को मंदिर मानती हूं,,,, समाज में भी अपना परचम लहरा रही हूं,,, साथ ही समाज को भी जागरूक कर रही हूं " मानव और मानवता को बनाए रखने के लिए हर नारी को सम्मान की दृष्टि से देखना होगा क्योंकि हर नारी सर्वश्रेष्ठ है।"जहां मैं एक होम मेकर के साथ स्कूल भी संभाल रही हूं और यही संस्कार में अपने बच्चों को भी दे रही हूं,,, क्यूंकि संस्कार का निर्माण हम नारी के हाथ में ही है।
हां मुझे गर्व है कि मैं नारी हूं क्योंकि 'नारी' ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है। मैं एक मां जो अपने बच्चों का पहला गुरु,,, संस्कार निर्माण करने वाली ,,,तो दूसरी तरफ समाज और देश में आदर्श नागरिक बनाने में अहम भूमिका अदा करने वाली,,, मैं हर मोड़ पर अलग-अलग रूपों में होती हूं,,, कहीं ममता भरी मां ,,,तो कहीं प्रेम स्वरूपा पत्नी,,, हां मैं नारी हूं मुझे गर्व है कि मैं नारी हूं,,,, मैं परिवार की नींव हूं,,, मैं शिक्षक ,स्वतंत्र और आत्मनिर्भर हुं,,, मैं अपनी निजी और बाहरी दुनिया से प्रतिस्पर्धा के साथ सक्षम हुं,,,, मैं अपने घर परिवार के साथ समाज को भी उन्नति और प्रगति के मार्ग पर ले जा रही हूं,,, हम नारी समाज की नींव है। नारी प्रेम, स्नेह, धैर्यशील और मातृत्व का आधार है।
"एक नारी की सबसे बड़ी सुरक्षा उसकी साहस है साहस से बड़ी कोई ताकत नहीं।"हां मुझे गर्व है कि मैं नारी हूं,,,मुझे विश्वास है कि मैं कर सकती हूं इसलिए मैं करती चली गयी। हां मुझे गर्व है कि मैं नारी हूं नारी हूं नारी हूं,,
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