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झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति ने बलियापुर प्रखंड दूधिया सहिश टोला में महिला नेत्री मालती सहिश की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया



Dhanbad। झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति ने बलियापुर प्रखंड दूधिया सहिश टोला में महिला नेत्री मालती सहिश की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित बांग्ला भाषा ऑनलाइन समिति के केंद्रीय अध्यक्ष  रीना मंडल ने कहा कि बांग्ला भाषा हमारी मातृभाषा हमारी मां है। हमारे खून के एक-एक कण-कण में बांग्ला भाषा बसा हुआ है। हम झारखंड में बांग्ला भाषा को स्थापित करके ही रहेंगे। यह हमारी संवैधानिक अधिकार है। संस्थापक वेंगु ठाकुर ने विस्तार पूर्वक बताया कि 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस बनाए जाने की घोषणा यूनेस्को ने 17 नवंबर 1999 में की थी। 1952 में भाषा आंदोलन के दौरान अपनी मातृभाषा के लिए शहीद हुए बांग्ला भाषी युवाओं की स्मृति को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। भाषा मनुष्य के जीवन में अहम भूमिका रखता है भाषा ही मनुष्य का परिचय है अपनी मातृभाषा के लिए एक देश अलग हुआ है। झारखंड के 90% बांग्ला भाषी झारखंड के मूल निवासी है और उनकी मातृभाषा बांग्ला है फिर भी झारखंड सरकार बांग्ला भाषियों के साथ अन्याय कर रही है। अगर आने वाले दिनों में झारखंड सरकार का इसी तरह रवैया रहा तो झारखंड में भी इस तरह का आंदोलन हम बांग्ला भाषी करने के लिए बाध्य होंगे। मौके पर चंपा सरदार, रीना सरदार, उर्मिला मिठारी, केया , संध्या, सरस्वती, संगीता, जोशना, मिठारी, मलती मिठारी, आशा, जबा, चंपा ,पदमा ,अंजली देवी, पारुल, तिलका सरदार, पदमा, शामली , मंगला ,श्रीदेवी, धारा, रिया, नमिता सरदार एवम अन्य मौजूद थे।



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