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बांग्ला भाषा का अपमान,परिवर्तन यात्रा में शामिल नहीं होंगे बांग्ला भाषी : रीना मंडल


धनबाद। झारखंड के आगामी विधानसभा चुनाव के आलोक में भारतीय जनता पार्टी द्वारा राज्य में परिवर्तन यात्रा निकाला जा रहा है,जिससे संबंधित एक विज्ञापन दिनांक १९.०९.२०२४ को राज्य के सभी प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है,जिसमे हिंदी, संथाली एवं ओड़िया भाषा को शामिल किया गया है, जबकि राज्य के चौबीस में से सोलह जिलों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाषा *बांग्ला* को उसमे शामिल नहीं किया गया है। राज्य के कुल आबादी का ४२ प्रतिशत आबादी बांग्ला भाषी हैं, जिनकी संख्या एक करोड़ तीस लाख है।  सन २०११ के राष्ट्रीय जनगणना के आधार पर हिंदी के बाद बांग्ला भारत की दूसरी प्रमुख भाषा है। उस बांग्ला भाषा को भारतीय जनता पार्टी के विज्ञापन में स्थान नहीं दिया जाना बांग्ला भाषा का अपमान है,जिससे राज्य के बांग्ला भाषियों में काफ़ी रोष है। राज्य के बांग्ला भाषी इसके विरोध में इस परिवर्तन यात्रा में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया गया है। राज्य के सभी चौबीसों जिलों के बांग्ला भाषी संगठनों का संयुक्त फोरम*झारखंड बांग्ला भाषी उन्नयन समिति*  द्वारा यह जानकारी दी गई है। समिति द्वारा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे पी नड्डा को एक पत्र लिखकर इस आशय की जानकारी देते हुए बतलाया गया है कि 

भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक Dr श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक बंगाली थे। पार्टी के बैठकों में जिस राष्ट्र गीत एवं राष्ट्र गान को गया जाता है, वह भी बांग्ला में मूल रूप में लिखा गया है,जिसके रचयिता प्रमुख बंगाली साहित्यकार, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय और रवींद्र नाथ टैगोर थे। उस पार्टी द्वारा बांग्ला भाषा को इस प्रकार अपमानित किए जाने से संपूर्ण राज्य के बांग्ला भाषियों की भावनाएं आहत हुई है इसलिए पार्टी के इस परिवर्तन यात्रा में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया गया है। उल्लेख करना है कि राज्य के बांग्ला भाषी पिछले चौबीस बरसों से बांग्ला भाषा एवं संस्कृति की 

उपेक्षा एवं राज्य में बांग्ला भाषा के अस्तित्व को मिटाने के प्रयास के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य में बांग्ला भाषी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं, पिछले लोकसभा चुनाव में रांची, धनबाद एवं जमशेदपुर में बांग्ला भाषियों के सक्रिय भागीदारी के कारण ही पार्टी के उम्मीदवार को जीत हासिल हुई। जमशेदपुर के सांसद श्री विद्युत बरन महतो द्वारा बांग्ला में ही लोकसभा में शपथ ली गई। गत लोकसभा चुनाव में प्रधान मंत्री द्वारा अपने चुनाव प्रचार के दौरान दुमका में बांग्ला में ही भाषण की शुरुआत की गई। प्रदेश के अन्य नेता भी बांग्ला में भाषण दिए।फिर 

अभी बांग्ला भाषा को इस प्रकार अपमानित करने के पीछे क्या कारण है, स्पष्ट होना चाहिए। राज्य के बांग्ला भाषियों द्वारा अब साफ संकेत दे दिया गया है कि अब राज्य में बांग्ला भाषा एवं बांग्ला भाषियों की उपेक्षा एवं अनदेखी बर्दास्त नही किया जाएगा।बांग्ला भाषियों ने इसलिए नारा दिया है, जो बांग्ला हित की बात करेगा, बही झारखंड में राज करेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा को प्रेषित पत्र की प्रति प्रधान मंत्री, गृह मंत्री  अमित शाह, प्रदेश चुनाव प्रभारी, केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिव नाथ सिंह चौहान, सह प्रभारी असम के मुख्य मंत्री श्री हिमान्त बिसवा सरमा और प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी को भी प्रेषित किया गया है।

              

   

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