धनबाद। इस्कॉन धनबाद ने अपनी त्रिदिवसीय रथयात्रा में इस्कॉन के संस्थापक आचार्य जगद्गुरु श्रील प्रभुपाद के श्री विग्रह का स्थापना महोत्सव आयोजित किया। पूरे दिन धनबादवासियों ने अलग अलग समय पर जगन्नाथ के दर्शन तथा आरती में भाग लिया। संध्या 4 बजे से मुख्य पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आरम्भ हो गए। देवकीनंदन प्रभुजी ने श्री जगन्नाथ कथा पढ़ी। अंततः इस्कॉन धनबाद अध्यक्ष श्रीमान नामप्रेम प्रभुजी ने अत्यंत मधुर कीर्तन और भजनों पर धनबाद वासियों को नृत्य करने पर मजबूर कर दिया। महोत्सव के इस दूसरे दिन पर भी जगन्नाथ की असीम कृपा रही और बरसात के बदल दूर रहे तथा 15000 से अधिक प्लेट महाप्रसाद की बाती गई।
श्रील प्रभुपाद की विग्रह स्थापना
इस्कॉन के संस्थापक आचार्य जगद गुरु श्रील प्रभुपाद के श्री विग्रह का स्थापना महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गुरु पूजा और गुरु भजनों से हुई। श्रील प्रभुपाद के उत्सव विग्रह का पंचामृत अभिषेक किया गया। श्रद्धेय श्री देवकीनंदन प्रभुजी ने श्रील प्रभुपाद की महान जीवनी पढ़ी तथा उनके भागवत व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। प्रभुजी ने बताया कि आज का दिन समग्र धनबाद के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण दिन है। आज केवल समग्र धनबाद में ही श्रील प्रभुपाद द्वारा अनुवादित भगवद गीता यथारूप पढ़ी जा रही है। ढेर सारे पढ़े लिखे युवा आज भक्ति और धर्म का पथ अपना रहे हैं आज देश विदेश में कृष्ण भक्ति का प्रचार हो रहा है। इस्कॉन के अतिरिक्त स्कीमों के अंतर्गत करोड़ों प्लेट प्रसाद जरूरतमंदों को बांटा जाता है। भारतीय अध्यात्म को विदेश में सम्मान दिलाने में श्रीला प्रभुपाद की मुख्य भूमिका रही है। 70 वर्ष की उम्र में दो हार्ट अटैक झेलते हुए श्रीला प्रभुपाद ने जल्दूत नमक कार्गो शिप में अपने गुरु की आज्ञा पर भारत से अमेरिका का सफर किया। श्रील प्रभुपाद के पास भारतीय मुद्रा के केवल 40 रुपए थे और था श्रीमद भागवत, चैतन्य चरितामृत, हरिनाम और अपने गुरु की आज्ञा में अपार श्रद्धा।
उसके बाद हजारों कष्टों को झेलते हुए श्रीला प्रभुपाद ने वह कर दिखाया जो कोई सोच भी नहीं सकता। केवल दस वर्षों में श्रीला प्रभुपाद ने हजारों फिरंगियों को गलता आदतों से मुक्त कर भगवद गुण प्रदान किए तथा उन्हें हरिनाम का कीर्तन सिखा दिया और धोती-कुर्ता पहना दिया, पूरे विश्व भर में 108 मंदिरों का निर्माण किया और श्रीमद भगवत का अंग्रेजी में दुनिया का सबसे पहला अनुवाद लिखा। सारे इस्कॉन मंदिरों में श्रीला प्रभुपाद के विग्रह का रोज पूजन होता है। और आज से इस्कॉन धनबाद जगजीवन नगर में भी प्रतिदिन श्रीला प्रभुपाद के विग्रहों की पूजा होगी।
इस स्वर्ण उत्सव में उपस्थित सारे भक्तों के लिए महाभोज की व्यवस्था थी।
*जगन्नाथ आरती*
दिन में 6 बार गुंडीचा मंदिर में श्री श्री जगन्नाथ बलदेव सुभद्रा की आरती हुई और छप्पन भोग लगाया गया तथा उपस्थि श्रद्धालुओं में बाटा गया। श्री जगन्नाथ जी का सुंदर चांदी रंग से श्रृंगार किया गया।
*गोल्फ ग्राउंड में आकर्षण*
*रथ परिक्रमा:* जगन्नाथ के दिव्य रथ की परिक्रमा हेतु रथ के लिए एक विशेष स्थान बनाया गया जिसके आसपास बिछाई 108 टाइल्स पर दर्शनार्थि भगवान का नाम लेकर परिक्रमा कर रहे थे।
- *आनंद बाजार:* जगन्नाथ पूरी की ही तरह यहां भी आनंद बाजार खड़ा किया गया जहां जगन्नाथ के भक्तों के लिए खाजा, लड्डू आदि प्रसाद, पूजा का सामान, जगन्नाथ पर ग्रन्थ तथा गीता, आदि, जगन्नाथ पर जानकारी, युवा सशक्ति करण, धाम यात्रा, आदि के स्टॉल्स लगे हुए थे।
- *जगन्नाथ दर्शन:* सारे भक्तों के लिए जगन्नाथ का मनमोहक दर्शन करने के लिए सुगम सुविधाएं थी।
*श्रद्धेय श्री देवकीनंदन प्रभुजी द्वारा संध्या कथा*
श्रद्धेय श्री देवकीनंदन प्रभुजी ने परीक्षित महाराज और शुकदेव गोस्वामी की कथा की। प्रभुजी ने बताया कि किस प्रकार समय के साथ कलियुग का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, परीक्षित महाराज की लीला अनुसार कलियुग का वास मास भक्षण, नशा, हुआ, और गलत संघ में आ चुका है और इसलिए मनुष्यों को इनसे दूर रहना चाहिए और कलियुग तारक हरिनाम का आश्रय लेना चाहिए।
*श्रद्धेय श्री नामप्रेम प्रभुजी द्वारा संबोधन*
इस्कॉन अध्यक्ष श्रद्धेय श्री नाम प्रेम प्रभुजीन बताया कि श्रीला प्रभुपाद और रथ यात्रा में गहरा संबंध है। श्रील प्रभुपाद ने जगन्नाथ पर सच्ची श्रद्धा रखते हुए केवल पूरी ही नहीं, केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे जगत के नाथ की तरह उनकी रथ यात्रा पूरे 6 महाद्वीपों में 100 ज्यादा देशों में रथ यात्रा का आयोजन करवाया। और इसी कृपा का पत्र आज धनबाद बना है।
*गोल्डग्राउंड में सांस्कृतिक कार्यक्रम*
संध्या 5 बजे से कई संस्कृतिक सुन्दर नृत्यों, गानों और नाटकों का प्रदर्शन भी हुआ। कुल 18 संस्थाओं से 10 से भी अधिक संस्कृतियों को दर्शाते हुए 22 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन हुआ।
इस बार झारखंड के अलग-अलग लोक नृत्य जैसे कर्मा, टूशू, सेहरूल, आदि की भिन्न भिन्न पोशाक और सामग्रियों द्वारा प्रस्तुति दी गई और कृष्ण भक्ति का प्रचार किया गया। और भी संपूर्ण भारत मैं प्रसिद्ध में कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी गई।
*हजारों भक्तों के लिए महा प्रसाद*
15000 से अधिक भक्तों ने कार्यक्रम का लाभ उठाया और इस्कॉन स्पेशल खिचड़ी हलवा का प्रसाद पाया।
*मुख्य अतिथि*
मुख्य अतिथि के रूप में परम श्रद्धेय श्री देवकीनंदन प्रभुजी, शिव बालक जी और धनबाद के जाने माने व्यवसाय जगत प्रमुख गणों ने उपस्थिति दी।
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