धनबाद। झारखंड बांग्ला भाषा संघर्ष समिति ने हीरापुर हरि मंदिर में सहित खुदीराम बोस जी का शहादत दिवस मनाया। इस अवसर पर सर्वप्रथम उनके तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता बीबीएम इंटर कॉलेज का पूर्व प्रिंसिपल सिद्धार्थ बंदोपाध्याय एवं संचालन वरुण सरकार ने किया,कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सिंदरी विधायक माननीय चंद्रदेव महतो उपस्थित थे। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि खुदीराम बोस बचपन से ही क्रांतिकारी विचारधारा के थे , 18 अप्रैल 1908 को खुदीराम और उनका एक साथी मुजफ्फरपुर के जॉर्जकिंग्स को करने के लिए निकल पड़े, दोनों ने मिलकर तय किया कि किंगसपोर्ट जब बघी में से वापस आएगा तभी बम फेख देंगे। देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए इतना कम समय में इतना साहस कोई क्रांतिकारी ही कर सकता है। खुदीराम भारत के सबसे कम उम्र के क्रांतिकारी थे, 1900 के दशक की शुरुआत में अरबिंदो घोष और बहन निवेदिता के सार्वजनिक भाषणों ने उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। 19 साल की उम्र में 11 अगस्त 1908 को उन्हें फांसी दी गई फांसी के समय भी हो मुस्कुराते रहें और वंदे मातरम का नारा लगाते रहे। इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक नित्य एवं संगीत किया गया, , नित्य में अभय सुंदरी स्कूल, प्राण जीवन एकेडमी स्कूल, क्रिस गार्डन स्कूल के बच्चे बच्चिया पार्टिसिपेट किए,कार्यक्रम में मुख्य रूप से सिद्धार्थ बंदोपाध्याय, रेखा मंडल, सोमनाथ चौधरी, सम्राट चौधरी, राणा चट्टराज, सुसोभन चक्रवर्ती, वरुण सरकार,कल्याण घोषाल, जयदीप मुखर्जी, कल्याण चक्रवर्ती, मिंटू दास, राजु परमानिक,समीर मंडल,हाड़ाधन राजवार, तपन राय,गोपाल भट्टाचार्य, बरनाली गुप्ता,डोरा मंडल, हिमांशु मंडल, असिम दे, नारायण दा,खुदु दा, प्रतीक विचार, देवाशीष पांडे, कृष्ण दा,गणेश चंद्र परमाणीक, मुखिया दिनेश सरखेल , नागेंद्र राय, आदि लोग शामिल थे।
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