धनबाद। झारखंड में सिदो, कान्हु की भूमि भोगनाडीह से शुरू हुई जस्ट ट्रांजिशन यात्रा शुक्रवार को धनबाद पहुंची। यह यात्रा दुमका, फतेहपुर, गाण्डेय से गिरिडीह होते हुए धनबाद पहुंची है। सारथी झारखंड जस्ट ट्रांजिशन नेटवर्क के बैनर तले आयोजित इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हरित और समावेशी विकास को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना है। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जस्ट ट्रांजिशन लिए धनबाद सबसे प्रमुख जगहों में से एक है। यहां कोयले का सबसे ज्यादा खनन होता है, ऐसे में ऊर्जा के दुसरे विकल्पों पर जाने में यहां के लोगों की बड़ी भूमिका होने वाली है। इस बदलाव में लोगों को रोजगार और सुविधाएं देना सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता शंकर रवानी ने कहा कि हमारे आसपास के पर्यावरण के लिए लोगों को खुद ही सचेत होना होगा और उसे बचाने के प्रयास करने होंगे। धनबाद के कई सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एक सुर में कहा कि 'जल, जंगल, जमीन ही हमारा साझा भविष्य है। इनका संरक्षण भविष्य का संरक्षण है। बता दें कि यह यात्रा 5 नवंबर से शुरू हुई है और 12 नवंबर तक भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु तक जाएगी। जस्ट ट्रांजिशन यात्रा झरिया में करीब 5:00 बजे पहुंचा और सिंह नगर में खदान को देखा गया जहां पर आज धुआ निकल रहा है उसको भी देखा गया।
साथी नुक्कड़ नाटक के टीम के साथ पदयात्रा किया गया। पदयात्रा में झरिया सारथी के सदस्य अरुण कुमार राय,पप्पू पंडित अनिल कुमार सिंह, रिकी कुमार साव, हरे राम पंडित, मिथिलेश कुमार, कृष्णा पंडित, शिवलाल यादव, बासुदेव शर्मा आदि प्रमुख रूप से थे। इस मौके पर धनबाद के तमाम सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।



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