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इस्कॉन धनबाद के रथ यात्रा में झूमे हजारों धनबादवासी, जगन्नाथ स्वामी नयाना पाठा गामी की गूंज से धनबाद रहा गुंजायमान

 

धनबाद। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में आस्था का सैलाब उमड़ा। आईआईटी आईएसएम और बीआईटी के सैकड़ों छात्रों द्वारा जगन्नाथपुरी की 2000 वर्ष पुरातन पाहूंडी रीति के साथ श्री श्री जगन्नाथ, बलदेव, सुभद्रा जी को रथ पर स्थापित किया गया। अनेकों भक्तों ने एक रंग, एक ढंग, एक वेश , मृदंग, करताल, कासोण  लेकर हवा में झूमते हुए जगन्नाथ बलदेव सुभद्रा का रथ पर स्वागत किया। "जगन्नाथ स्वामी नयाना पाठा गामी" के शोर से  पूरा स्टील गेट गूंज उठा। भगवान के श्रीग्रहों का आज विशेष ऐश्वर्यशील श्रृंगार किया गया। रथ यात्रा का आरंभ पाहुंडी के उपरांत सारे विशिष्ट अतिथि और गणमान्य ने श्री जगन्नाथ, बलदेव, सुभद्रा की आरती व पूजा की। यात्रा में उपस्थित एमएलए राज सिन्हा  ने बताया कि कैसे जगन्नाथ जी कृपा धनबाद के लिए अति आवश्यक है और इस्कॉन  इसके प्रचुर मात्रा में वितरण करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। इस्कॉन धनबाद के अध्यक्ष नामप्रेम प्रभु ने  यात्रा शुरू होने से पहले सारे भक्तों को यात्रा का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए सूचित किया की शास्त्रानुसार जो भी व्यक्ति जगन्नाथ के रक्त को एक बार खींच लेता है अथवा जगन्नाथ रथ में दर्शन कर लेता है उसका इस भौतिक जगत में पुनर्जन्म नहीं होता ।  नामप्रेमप्रभु  और एमएलए  राज सिन्हा जी के संबोधन के पश्चात श्री सिन्हा  ने स्वर्ण झाड़ू से रथ के पथ की सेवा की। यह भी पूरी की एक पौराणिक रीतियों में से एक है जहां रथ यात्रा से पूर्व प्रतिवर्ष पुरी के राजा पथ पर स्वर्ण झाड़ू लगाकर विनम्रता से जगन्नाथ का ऐश्वर्या दर्शाते हैं। तत्पश्चात रथ के समक्ष एक अद्भुत सुंदर ओडीसी प्रस्तुति दी गई। जिसके उपरांत हजारों भक्तों ने स्टील गेट से रथ को खींचना प्रारंभ किया।

जगन्नाथ महाप्रभु का विशेष रथ

जगन्नाथ महाप्रभु, बलदेव, सुभद्रा का यह रथ पिछले ही वर्ष की तरह इस बार भी आईआईटी और बीआईटी के छात्रों द्वारा बनाए हुए ऑटोमेटिक सिस्टम युक्त था। यात्रा मार्ग में अलग-अलग ऊंचाइयों पर आने वाली बाधाओं के अनुसार रथ अपने आप अपने गुंबद तक की ऊंचाई  30 फीट से 15 फीट तक समायोजित करने की क्षमता रखता था। इसके अतिरिक्त इस बार जगन्नाथ पुरी के रथ की अनुकृति करते हुए आसनसोल से चार सुंदर घोड़े मंगवा कर रथ में मढवा गए थे। इन चारों घोड़ों के नाम हैं शंख, श्वेत, बलहक, हरिदश्व जोकि इस नंदीघोष नामक जगन्नाथ के दिव्य रथ की शोभा बनें। जगन्नाथ का यह आईआईटी के भक्तों ने अपने हाथों से बहुत ही मनोरम और सुंदर रूप में सजाया था।

दर्शनार्थियों के लिए अद्भुत प्रबंध और सेवाएं

यह रथ स्टील गेट से होते हुए सराय ढेला हीरापुर व रणधीर वर्मा चौक होते हुए संध्या 4:00 बजे तक और  गोल्फ ग्राउंड पहुंचा। 25000 धनबाद वासियों कि इस ऐतिहासिक एकत्रीकरण को संभालने के लिए उपयुक्त व अनेक प्रबंध किए गए थे । रथ के आगे आगे निरंतर एक पानी का टैंकर था जो यात्रा पथ पर धीरे-धीरे शीतल जल बहाकर यात्रियों के चरणों की सेवा में था। इसके अलावा यात्रियों की प्यास बुझाने के लिए दो टैंकर शीतल जल, चार प्रकार के शरबत, ठंडाई आदि अनगिनत मात्रा में सारे समय उपलब्ध  कराए गए  थे। दोपहर के सूर्य के घोर ताप से बचने हेतु पांच स्वयंसेवक निरंतर सारे यात्रियों पर शीतल जल का छिड़काव कर रहे थे। किसी भी अनहोनी से सतर्क रहते हुए रथ के आगे पीछे दो एंबुलेंस भी चल रही थी। इसके अलावा यात्री समूह के सुरक्षित मार्गदर्शन हेतु एक विशेष टीम और पुलिस कर्मचारी की चार प्रशासनिक गाड़ियां चल रही थी। रथ के पीछे एक वाहन केवल और केवल धनबाद वासियों द्वारा भक्ति पूर्वक जगन्नाथ के लिए बनाए गए भोग रखने के लिए लगाई गई थी जोकि घर आधे घंटे में भर जाती थी और अतः रथ को हर आधे घंटे में जगन्नाथ को अनगिनत भोग लगाने के लिए रुकना पड़ता था। इस प्रसाद पर दर्शनार्थी अत्यंत प्रेम से लपक रहे थे।
  



रथ यात्रा के दौरान सुमधुर कीर्तन का हुआ आयोजन

इस बार आईआईटी के छात्रों ने जगन्नाथ पुरी के रथ यात्रा का चौकस अनुसरण करते हुए एक मधुर कीर्तन टोली बनाई थी जिसमें 5 भक्त मृदंग, 5 भक्त करताल, 5 भक्त वेंपर और 10 भक्तों ने कसोण बजाते हुए धनबाद की धरती थरथराई। इसके अलावा धनबाद के आसपास के कई जनजातीय समुदाय भी भगवान का कीर्तन करने के लिए यात्रा में उपस्थित रहे।


गोल्फ ग्राउंड में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम

गोल्फ ग्राउंड में एक विशाल पंडाल के अंदर भगवान के श्री विग्रहों की स्थापना की गई और सारे विशिष्ट  अतिथियों द्वारा उनकी पूजा  हुई। इसके साथ ही साथ अपने-अपने कला में निपुण अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों ने गीत, गान, नृत्य, नाटक  आदि प्रस्तुतियों से जगन्नाथ का गुणगान किया।  विभिन्न विभिन्न पोशाक और सामग्रियों के साथ भारत के  दस अलग-अलग राज्यों के पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति दी गई । पूरे पंडाल और पंडाल के बाहर तीन बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी। विशिष्ट अतिथि और रथयात्रा के सारे दर्शनार्थियों के लिए बैठने और महाभोज की पर्याप्त सुखद सुविधा थी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच श्रीमान नाम प्रेम प्रभु द्वारा जगन्नाथ की छोटी-छोटी लीलाओं का वर्णन किया गया तथा उत्साह और उमंग के साथ सारे भक्तों को जगन्नाथ के मधुर कीर्तन में नाचते गाते हुए लीन होने का अवसर मिलेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच सांसद पीएन सिंह ने भी अपनी उपस्थिति दी। सांसद  ने सारे धनबादवासियों से यह विनती की  धनबाद में इस्कॉन  मंदिर बनाने के लिए सहायता करना हर एक धनबाद वासी का भी दायित्व है। संध्या 5 बजे से लेकर रात्रि 9 तक 25000 से भी ज्यादा भक्तों ने जगन्नाथ महाप्रसाद को ग्रहण किया।

शहर के गणमान्य रथ यात्रा में शामिल हुए

बहुत सारे बड़े-बड़े उद्योगपति प्रात काल से संध्या तक पूरी रथ यात्रा में शुभ दिन का लाभ लेने हेतु जुड़े रहें। जैसे सूर्य रियलकान के मालिक संतोष सिंह  द्वारा सारे भक्तों के लिए पानी और फ्रूटी की सेवा प्रदान की गई। आविष्कार डायग्नोस्टिक के मालिक देवेन तिवारी  ने पूरे पथ में फूल बरसाने की सेवा प्रदान दी, प्रसिद्ध व्यवसाय केदारनाथ मित्तल जी अपने एकल अभियान के स्वयंसेवकों के साथ रथयात्रा दौरान सेवा में जुड़े रहे, कोयलांचल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सुखदेव भोई, झरिया एमएलए रागिनी सिंह, प्रसिद्ध व्यवसायी पवन अग्रवाल, मेयर चंद्रेशखर अग्रवाल, वीरेंद्र भगत , मारवाड़ी विकास ट्रस्ट के हेड अनिल मुकीम  भी उपस्थित रहे।

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