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सिंदूर खेला के साथ मां को दी गई विदाई, आस्छे बछर आबार होवे " नारे के साथ कलश हुआ विसर्जन

 






धनबाद: बंगाली समुदाय में दुर्गा पूजा के दशमी मे प्रात घट विसर्जन के समय "सिंदूर खेला" की पौराणिक परंपरा है , इस सिंदूर खेला मे सुहागिन महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर उनके सुहाग के मनोकामना करती है।धनबाद शहर के विभिन्न पूजा मंडप हीरापुर हरि मंदिर, दुर्गा मंदिर , नेपाली काली मंदिर, सरायढेला दुर्गा मंडप, बंगाली वेलफेयर सोसायटी पार्क मार्केट, बंगाली कल्याण समिति जिला परिषद व अन्य पूजा मंडप के सुहागिन महिला सदस्यों ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर दुर्गा पूजा के शुभकामनाएं दी । घट विसर्जन करने के लिए  महिला ,पुरुष ,बच्चे, बुजुर्ग सभी मिलकर बांग्ला डीजे पर थिरकते हुए, गाजे बाजे  के साथ  हीरापुर हरी मंदिर से कोर्ट क्वार्टर, डी एस कॉलोनी होते हुए पंपू तलाब में जाकर " आस्छे बछर आबार होवे "  नारे के साथ कलश का विसर्जन किया ।

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