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आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन 5-6 जुलाई को होगा,शिक्षाविदों, उद्योग जगत के नेताओं और विद्यार्थियों को एक मंच पर लाकर डिजिटल तकनीक में हो रहे नए बदलावों और इनके व्यापार तथा सतत विकास में योगदान पर होगी चर्चा

 


धनबाद। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खनि विद्यापीठ) धनबाद, 5 और 6 जुलाई 2025 को अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ऑन डिजिटल टेक्नोलॉजीज फॉर बिजनेस एक्सीलेंस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट एवं विकसीत भारत@2047 (ICDTBESDVB 2025) का आयोजन करने जा रहा है। यह दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस प्रबंधन अध्ययन एवं औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित की जा रही है।कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, उद्योग जगत के नेताओं और विद्यार्थियों को एक मंच पर लाकर डिजिटल तकनीक में हो रहे नए बदलावों और इनके व्यापार तथा सतत विकास में योगदान पर चर्चा करना है। यह कार्यक्रम भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के विजन से जुड़ा हुआ है।

कॉन्फ्रेंस में कई महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद होंगे, जैसे मार्केटिंग प्रबंधन, वित्तीय प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन, संचालन प्रबंधन, बिजनेस एनालिटिक्स, सूचना प्रणाली, ऊर्जा प्रबंधन, औद्योगिक इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट।इस कार्यक्रम में विश्वविख्यात विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे। अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं में प्रो. मागेश चंद्रमौली (पर्ड्यू यूनिवर्सिटी नॉर्थवेस्ट, अमेरिका), प्रो. संजय मिश्रा (नॉर्वे), प्रो. पियरे रिने मारेशल (फ्रांस), प्रो. अजित कुमार वर्मा (नॉर्वे), प्रो. नचियप्पन सुब्रमण्यम (यूके), डॉ. विजयमण सुगुमारन (अमेरिका), डॉ. सुगम शर्मा (अमेरिका), डॉ. रितु शांडिल्य (अमेरिका), प्रो. उषा रमणाथन (यूएई), प्रो. गर्हार्ड-विल्हेम वेबर (पोलैंड), प्रो. गोपीनाथ चट्टोपाध्याय (ऑस्ट्रेलिया) और प्रो. सिरिल आर.एच. फॉरपॉन (फ्रांस) शामिल हैं।भारतीय विशेषज्ञों में डॉ. कोंगा गोपीकृष्ण (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय), डॉ. प्रहलाद राम (अनुसंधान फाउंडेशन, नई दिल्ली), प्रो. संगीता साहनी (आईआईटी खड़गपुर), प्रो. रूपेश कुमार पाटी (आईआईएम कोझिकोड), प्रो. भबा कृष्ण महांती (आईआईएम लखनऊ), प्रो. मेघा शर्मा (आईआईएम कलकत्ता), प्रो. मनोज के. तिवारी (आईआईएम मुंबई), प्रो. रघु नंदन सेनगुप्ता (आईआईटी कानपुर), प्रो. शलभ भटनागर (आईआईएससी बैंगलोर), प्रो. शशिकांत मिश्रा (बीएचयू), और कई अन्य प्रतिष्ठित नाम मौजूद रहेंगे।कॉन्फ्रेंस से एक दिन पहले, 4 जुलाई को प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा ताकि प्रतिभागियों को और गहराई से सीखने का अवसर मिल सके।कॉन्फ्रेंस की संयोजक डॉ. रश्मि सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम ज्ञान, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा। कॉन्फ्रेंस का समन्वय प्रबंधन अध्ययन और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. संदीप मंडल के नेतृत्व में किया जा रहा है। आयोजन समिति में प्रो. नीलाद्रि दास (सह-संयोजक), प्रो. ईशा साहा (आयोजन सचिव) और प्रो. आमना खान (कोषाध्यक्ष) भी शामिल हैं।

इस महत्वपूर्ण आयोजन से डिजिटल परिवर्तन और सतत विकास की दिशा में भारत के प्रयासों को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।

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